भिलाई। टाउनशिप के सेक्टर-1 का मुर्गा चौक अब तकनीकी, शिक्षा, खेल और कला संस्कृति का संदेश देगा। यह भिलाईयंस की पहचान हैं और इस चारो ही क्षेत्र में अपने नाम का डंका भी बजा रहे हैं।
सेक्टर-1 का मुर्गा चौक पर चार कलाकृतियां स्थापित की गई है जो तकनीकी, शिक्षा, खेल और कला संस्कृति से संबंधित हैं। यह संयंत्र से समृद्घि के दास्तान का वर्णन कर रही हैं जिनका भिलाई में व्यापक विकास हुआ है। नगर सेवा विभाग के मुख्य महाप्रबंधक पीके घोष के मार्गदर्शन में टाउनशिप सुंदरीकरण के अंतर्गत इन कलाकृतियों का निर्माण किया गया है।
ज्ञात हो कि स्टील अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड का मूलभूत सिद्घांत रहा है कि वह अपने वृहद परिक्षेत्र में एक समृद्घ संस्कृति का निर्माण करे। भिलाई इस्पात संयंत्र इस मामले में स्थापनाकाल से ही आगे रहा है और तकनीकी, शिक्षा, खेल और कला संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। जिससे भिलाई का नाम मध्यभारत के प्रमुख शहरों में गिना जाता है। यही वजह है कि अन्य राज्यों से भी छात्र यहां आते रहे हैं। भिलाई न सिर्फ सभी संयंत्रों में उत्पादन और लाभ के क्षेत्र में आगे है बल्कि क्षेत्र के बुनियादी विकास में भी वह अव्वल है। इन्ही समृद्घ विरासत को दर्शाने के लिए मुर्गा चौक में चार प्रतीकात्मक कलाकृतियों का निर्माण किया गया है। कलाकृतियों में कम्प्यूटर में कार्य करते युवा को तकनीकी, पढ़ती हुई बालिका को शिक्षा, वजन उठाये पहलवान को खेल तथा पंडवानी गाती महिला को कला संस्कृति के विकास स्वरुप में दर्शाया गया है। यह कलाकृतियां आकार में जरुर छोटी है परन्तु अपने विचार में बेहद समृद्घ हैं तथा अपने संदेशों को स्पष्ट बयां कर जाती है। सुंदरीकरण का कार्य नगर सेवा विभाग के महाप्रबंधक मोहन देशपांडेय के निर्देशन में सभी विभागों द्वारा किया जा रहा है। इसमें वरिष्ठ प्रबंधक प्रदीप कुमार मिश्रा, सहायक प्रबंधक संतोष कुमार गोंड तथा रविंद्रनाथ विश्वकर्मा के देखरेख में किया गया है। सहयोगी के रुप में ठाकुरराम वर्मा, विजय प्रसाद, रोहितदास भंडारी एवं पूर्णानंद देवांगन ने अपनी भूमिका निभाई है तथा इसके मुख्य कलाकार अंकुश देवांगन है।