भिलाई। गुरुवार की रात को उरला गांव में लाठीचार्ज करने के बाद दूसरे दिन पुलिस ने गांव के लोगों के खिलाफ दो-दो केस दर्ज किए। पुलिस ने पहली प्राथमिकी आरोपित वाहन चालक हसमद शेख की रिपोर्ट पर की।
वाहन चालक की रिपोर्ट के आधार पर 14 नामजद आरोपित समेत 54 लोगों को आरोपित बनाया। नामजद आरोपितों में साहू समाज उरला के अध्यक्ष व ब्लाक कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष गिरवर साहू, अनिल साहू, लोकेश साहू, पूर्व सैनिक सोहन लाल साहू, चंद्रप्रकाश साहू, अनिल वर्मा, सोहन साहू, सोमनाथ वर्मा, डिकेंद्र निर्मलकर, विष्णु देवांगन, पन्नाा साहू, संतोष वर्मा, होरी वर्मा और उमेश साहू शामिल हैं।
इसके अलावा पुलिस ने दूसरी प्राथमिकी एक मालवाहक चालक मंजीत सिंह भाटिया की रिपोर्ट पर की। इसमें 28 नामजद आरोपित व अन्य 80 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। दूसरी प्राथमिकी के नामजद आरोपितों में साहू समाज उरला के अध्यक्ष व ब्लाक कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष गिरवर साहू, लोकेश साहू, कमलेश गोयल, डिकेंद्र निर्मलकर, शुभम बघेल, अनिल साहू, चंद्रप्रकाश साहू, विजय साहू, राम सूर्यवंशी, ईश्वर साहू, सोमनाथ वर्मा, विमल साहू, अनिल वर्मा, नारायण बेहरा, राजू रेड्डी, विजय वासनिक, सुमित साहू, ओमप्रकाश, जयप्रकाश साहू, मंथीर साहू, राहुल वर्मा, डिकेश साहू, संतोष वर्मा, सोहन लाल वर्मा, विष्णु देवांगन, पन्नाा साहू, होरी वर्मा और उमेश साहू शामिल हैं।
हादसे और पूरी घटना के लिए ये हैं जिम्मेदार
एनएच :- बारिश के चलते नेहरू नगर से लेकर कुम्हारी तक सड़क जर्जर हो गई है। खासकर चौक और कट के पास बुरे हालात हैं। विभाग के अधिकारियों ने समय रहते इसकी मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया। जिसके चलते हादसा हुआ।
कुम्हारी नगर पालिका :- रायल खालसा ढाबा के पास कटिंग है। लेकिन, वहां पर ब्लिंकर या ट्रैफिक लाइट और चेतावनी सूचक बोर्ड नहीं है। लोगों को पता भी चलता कि यहां से हाईवे पार करने का कट बना हुआ है।
यातायात पुलिस :- कटिंग के पास जिगजैग या स्टापर नहीं है। इसलिए यहां से गुजरने वाली गाड़ियों की रफ्तार तेज रहती है। यहां पर जवानों की भी तैनाती नहीं की जाती।
पुलिस व जिला प्रशासन :- सड़क हादसे के बाद जिले के इतिहास में पहली बार नौ घंटे तक नेशनल हाईवे पर चक्काजाम हुआ। पुलिस ने समय रहते ही सख्त कदम नहीं उठाया। जिसके चलते आम लोगों को परेशान होना पड़ा और बाद में गांव में घुसकर लोगों पर लाठियां बरसाईं। घटना के बाद एसपी डा. अभिषेक पल्लव, कलेक्टर अभिषेक मीणा ने फोन नहीं उठाया और वे चर्चा से बचते रहे।
पुलिस की बर्बरता की कहानी, ग्रामीणों की जुबानी
नेशनल हाईवे पर मुआवजे की राशि तय होने के बाद एसपी समेत अन्य अधिकारी मृतका के घर गए थे। वहां पर मैं भी था। फ्लाई ओवर निर्माण कर रही कंपनी रायल इंफ्रा के अधिकारियों ने मृतका के परिवार वालों को एक लाख रुपये नकद और चार लाख रुपये का चेक दिया। इसके बाद हम लोग वहां से निकले। पुलिस अधिकारियों को इसके लिए धन्यवाद दिया। इसके कुछ ही मिनटों बाद पता चला कि गांव को चारों ओर से पुलिस ने घेर लिया है और लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा जा रहा है। मुझे भी पुलिस के जवानों ने घेरा और लाठियां बरसाने लगे। मैं बेहोश होकर गिरा तो दो सिपाहियों ने मेरे दोनों हाथ के पंजों को अपने जूतों से कुचला। एक सिपाही ने मेरे सिर पर पैर रखकर जूते से दबाया। जब मैं पूरी तरह से बेसुध हो गया तो पुलिस वाले मुझे छोड़कर चले गए।
गिरवर साहू, अध्यक्ष साहू समाज उरला व पूर्व उपाध्यक्ष ब्लाक कांग्रेस कमेटी उरला
:- गांव में लोगों के चिल्लाने की आवाज सुनकर मैं बाहर निकला तो देखा कि बाहर भारी पुलिस बल तैनात है और ग्रामीणों पर लाठियां बरसा रहे हैं। मैंने उनसे कहा कि मैं भूतपूर्व सैनिक हूं और मैं अपने घर में था। चिल्लाने की आवाज सुनकर बाहर निकला हूं..। फिर भी पुलिस वालों ने मुझे डंडे से पीटा।
रोमनाथ वर्मा, पूर्व सैनिक
:- मैं अपने भाई के साथ उसके घर पर था। हादसे में मेरी भतीजी की जान गई। मुआवजे की राशि देने के कुछ देर बाद पुलिस वाले फिर से आए। इस बार काफी ज्यादा पुलिस वाले थे और मुझे घेरकर लाठियों से पीटने लगे। मुझे समझ नहीं आया कि ऐसा क्यों किया।
विमल साहू, मृतका के बड़े पिता
:- मैं राइस मिल में काम करता हूं। रात में अपना काम खत्म कर के घर आ रहा था। गांव में बहुत सारे पुलिस वाले थे। मुझे देखकर उन्होंने पूछा कि कहां से आ रहे हो। मैंने काम से लौटने की बात बताई तभी भी उन्होंने मुझे लाठियों से बहुत मारा।
गौकरण साहू, ग्रामीण
:- रात में खाना खाने के बाद मैं अपने घर के बाहर बैठा हुआ था। मुझे सिर्फ इतना पता था कि हादसे में गांव की एक बच्ची की मौत हुई है। अचानक गांव में बहुत सारे पुलिस वाले घुसे और सभी को पीटना शुरू कर दिया। कुछ पुलिस वालों ने मुझे भी लाठियों से पीटा।
रामकुमार साहू, ग्रामीण
रात में मुआवजे की राशि देने गए डीएसपी नसर सिद्दीकी और अधिकारियों को ग्रामीणों ने घेर लिया था। इसलिए उनको छुड़ाने के लिए हमें बल प्रयोग करना पड़ा था।
संजय ध्रुव, एएसपी शहर