भिलाई। यूं तो देश में ऐसे कई स्थान हैं जो अपनी खूबियों के लिए जाने और पहचाने जाते हैं लेकिन आप जब दुर्ग जिले की खूबियों से परिचित होंगे तो खुद बोल उठेंगे। अरे, ऐसा है क्या...।
जी हां, छत्तीसगढ़ का दुर्ग भारत का एकमात्र ऐसा जिला है जहां तीन बड़े नगर पालिक निगम, तीन नगर पालिका और तीन नगर पंचायतें हैं। ऐसा लगता है मानो दुर्ग जिले का तीन से तगड़ा नाता है।
12 लाख 91 हजार 554 मतदाताओं वाले दुर्ग जिले में ब्लॉक भी तीन हैं, क्रमश: मुख्यालय दुर्ग, पाटन और धमधा। जैन समाज के तीन बड़े तीर्थ भी दुर्ग जिले में ही हैं, इनमें कुम्हारी का कैवल्यधाम तीर्थ, नगपुरा का पार्श्व तीर्थ व दुर्ग में शिवनाथ नदी के तट पर स्थित नसियाजी तीर्थ शामिल हैं।
आस्था के इन केंद्रों में देशभर से जैन समाज के लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। दुर्ग जिले में केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा तीन केंद्रीय विद्यालय दुर्ग, चरोदा और उतई में संचालित हैं। तीन नगर निगमों में दुर्ग, भिलाई और भिलाई-चरोदा नगर निगम हैं। इसके अलावा तीन नगर पालिकाओं में कुम्हारी, अहिवारा व जामुल शामिल हैं। तीन नगर पंचायतें पाटन, धमधा व उतई में हैं। अब दुर्ग, रायपुर और राजनांदगांव जिले को जोड़कर एक महानगर पालिका बनाने की योजना पर काम शुरू किया गया है।
बाबा रामदेव के शिविर में बने थे सात वर्ल्ड रिकॉर्ड
भिलाई के सिविक सेंटर में 12 जनवरी 2017 को योग के सात विश्व कीर्तिमान बने। योग गुरु बाबा रामदेव की मौजूदगी में एक लाख से अधिक लोग योग का हिस्सा बने। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में पतंजलि योग समिति के नाम पर चार सामूहिक व तीन एकल रिकॉर्ड दर्ज हुए। सामूहिक रूप से अनुलोम-विलोम, कपाल भारती, सूर्य नमस्कार, पुशअप शामिल हैं। एकल में बाबा रामदेव द्वारा सबसे ज्यादा लोगों को एक साथ योगासन कराने, दिल्ली के युवक रोहिताश ने 19 मिनट में हजार से अधिक पुशअप व जयपुर के जयपाल ने दो घंटे 30 मिनट शीर्षासन का रिकॉर्ड बनाया।
राष्ट्र निर्माण में दुर्ग जिले का योगदान
फौलाद की दुनिया में भिलाई इस्पात संयंत्र का सिर्फ नाम ही काफी है। यहां की विशाल धमन भट्टियों से पिघलकर निकल रहा लोहा देश के विकास की तकदीर बदल रहा है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक ही नहीं, बल्कि सरहदों के पार विदेशों में भी भिलाई के लोहे का डंका बजता है। हिंदुस्तान के सभी राज्यों के लोग यहां काम करते हैं, लिहाजा इसे मिनी इंडिया भी कहा जाता है। देश के सर्वश्रेष्ठ एकीकृत इस्पात कारखाने के लिए सबसे ज्यादा 11 बार प्रधानमंत्री ट्रॉफी पाने वाला भिलाई स्टील प्लांट भी यहीं है। दुर्ग जिले का यह प्लांट अब तक इतनी लंबी रेल पटरियों का निर्माण कर चुका है जिससे पूरी पृथ्वी को 12 बार लपेटा जा सकता है। दुनिया की सबसे लंबी 260 मीटर की रेल पटरी भी भिलाई के प्लांट में बनती है।
दुर्ग जिले के नाम यह रिकॉर्ड भी
- दुर्ग की सरोज पांडेय के नाम सांसद, विधायक व महापौर रहने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है। सरोज पांडेय एक समय में तीनों पदों पर आसीन रहीं। बाद में उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। एक वक्त ऐसा भी आया जब वे सांसद और मेयर दोनों पदों पर रहीं।
- छत्तीसगढ़ का दूसरी बड़ी नगरीय निकाय संस्था भिलाई नगर निगम का भी रिकॉर्ड हैं। यहां सबसे कम उम्र 26 साल की आयु में देवेंद्र यादव महापौर बने।
- छत्तीसगढ़ का एकमात्र रेलवे यार्ड व लोको यार्ड दुर्ग जिले के बीएमवाय भिलाई-चरोदा नगर निगम क्षेत्र में स्थापित है।
- छत्तीसगढ़ का इकलौता भार प्रेषण केंद्र दुर्ग जिले के खेदामारा में स्थापित हैं, जहां से छह राज्यों को बिजली सप्लाई होती है।