भिलाई। एक दशक पहले एक नारा दिया गया था ग्रीन भिलाई, क्लीन भिलाई। यह नारा निर्थक साबित हो गया। भिलाई न तो ग्रीन हो पाया, न क्लीन। स्वच्छता सर्वेक्षण में भिलाई ने इन पांच सालों में कभी नंबर वन पोजिशन के लायक प्रदर्शन नहीं किया, हालांकि ओडीएफ प्लस -प्लस और पब्लिक फीडबैक के मामले में भिलाई देशभर में अव्वल रहा।
बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 2016 से देश भर के नगरीय निकायों में स्वच्छता को लेकर प्रतियोगिता कराई जा रही है।
इसमें सार्वजनिक सफाई, सार्वजनिक शौचालयों की सफाई, खुले में शौचमुक्त शहर (ओडीएफ प्लस प्लस) तथा सफाई को लेकर जनता में जागरुकता पर रेटिंग दी जाती है।
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ओडीएफ प्लस प्लस में नंबर वन भिलाई
दुर्ग जिले के लगभग सभी निकाय दुर्ग निगम, भिलाई निगम, भिलाई चरोदा निगम, रिसाली निगम तथा जामुल पालिका पहले ओडीएफ प्लस प्लस (खुले में शौच मुक्त) घोषित किए जा चुके हैं। भिलाई तो देश भर में नंबर वन रहा। इसके पीछे भिलाई निगम के स्वास्थ्य विभाग की कड़ी मेहनत रही। खुले में शौच करने वालों को पहले चेतावनी दी गई, फिर जुर्माना काटा गया। उन्हें सार्वजनिक शौचालय में जाने के लिए प्रेरित किया गया।
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पब्लिक फीडबैक में भी बेहतर
स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान टीम ने जनता से सफाई को लेकर सवाल किए थे। जिनमें प्रमुख सवाल थे कि आप गीले व सूखे कचरे का क्या करते हैं? उसे खुले में तो नहीं फेंकते? कचरा ले जाने रिक्शा वाला आता है? क्या आपके आसपास नियमित सफाई होती है? सफाई को लेकर और बेहतर क्या किया जा सकता है, जैसे सवाल थे। जारी सर्वे में भिलाई की जनता को जागरूक जनता का तमगा हासिल हुआ था।
स्वच्छता सर्वेक्षण में अब तक भिलाई की स्थिति
2016-17- देश भर में 52 वां स्थान
2017-18-देश भर में 74 वां स्थान
2018-19 देश भर में 11 वां स्थान (थ्री स्टार रेटिंग)
2019-20 देश भर में 34 वां स्थान (थ्री स्टार रेटिंग)
2020-21 देश भर में 29 वां स्थान (थ्री स्टार रेटिंग) - यह स्थान सफाई में नहीं बल्कि कचरा संग्रहण तथा एसएलआरएम सेंटरों में कचरे के इस्तमाल पर मिला।
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विवादित रही सफाई व्यवस्था
2020-21 में सफाई व्यवस्था विवादित रही। नेचरग्रीन कंपनी द्वारा सफाई कामगारों की हाजिरी काटना। दस महीने तक लेबर लायसेंस नहीं लेना जैसे प्रमुख मुद्दे रहे। इसलिए भिलाई सार्वजनिक सफाई में पिछड़ गया। नालियों की नियमित सफाई नहीं होना सबसे बड़ा मुद्दा रहा। यह भी एक प्रमुख वजह रही कि भिलाई इंदौर के आसपास भी नही पहुंच पाया ।
इन इलाकों की सफाई व्यवस्था पर देना होगा ध्यान
सुपेला , कैंप तथा खुर्सीपार के स्लम एरिया में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है, यदि इंदौर की तरह नंबर वन बनना है तो स्लम एरिया पर ज्यादा फोकस करना होगा।
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यदि इंदौर से करना है मुकाबला तो आप रहे जागरुक
-गीले कचरे को हरे डिब्बे में तथा सूखे कचरे को नीले डिब्बे में रखे
-कचरा नाली या सार्वजनिक स्थान पर न फेंके, रिक्शे वाले को दें
-अपने आसपास सफाई रखें तथा दूसरे को भी प्रेरित करें
-संभव हो तो गीले कचरे का घर में ही खाद बनाएं।
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संकल्प
मैं शपथ लेती हूं कि अपने शहर को देश भर में नंबर वन बनाने के लिए खुद प्रेरित होऊंगी । दूसरों को भी प्रेरित करुंगी।
रिंकी सिंह, खुर्सीपार भिलाई
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बीते तीन साल में हम ओडीएफ प्लस - प्लस में नंबर -1 आ रहे हैं। सुलभ शौचालय में सफाई बेहतर हुई है। सफाई को लेकर जनता में जागरुकता आई है, हम आने वाले साल में और बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
-पीसी सार्वा, पीआरओ
नगर निगम भिलाई