50 किलो केचुंआ बेचकर महिलाओं ने कमाए 15 हजार रुपये
खाद बनाने के लिए उड़ान महिला समूह को केचुंआ खरीदना पड़ता था, अब उन्होंने केचुंआ का उत्पादन शुरू कर दिया।
By Nai Dunia News Network
Edited By: Nai Dunia News Network
Publish Date: Sun, 27 Dec 2020 06:22:13 AM (IST)
Updated Date: Sun, 27 Dec 2020 04:32:09 PM (IST)

भिलाई। उड़ान महिला समूह की मेहनत और लगन अब रंग लाने लगी है। खाद बनाने के लिए उन्हें केचुंआ खरीदना पड़ता था, अब उन्होंने केचुंआ उत्पादन शुरू कर दिया। एक महीने में 50 किलो केचुंआ विक्रय कर महिलाओं ने 15 हजार रुपये कमाए। वर्मी कम्पोस्ट निर्माण में सबसे अहम भूमिका केचुंआ की होती है, जो गोबर को वर्मी कम्पोस्ट बनाने महत्वपूर्ण कड़ी का काम करता है। जोन एक नेहरू नगर में नई उड़ान महिला समूह की अध्यक्ष रेखा बघेल ने बताया कि योजना के प्रारंभ में कुछ किलोग्राम केचुंआ बाहर से खरीदकर वर्मी कम्पोस्ट निर्माण की शुरूआत की गई थी।
वर्मी कम्पोस्ट निर्माण में केचुंआ की महती आवश्यकता को देखते हुए आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी के निर्देश पर केचुंआ पालन गोबर खरीदी केंद्र में ही प्रारंभ किया गया। इसमें से कुछ केचुंआ को वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के लिए अन्य टंकियों में छोड़ा गया। इधर, एक टंकी में केचुंआ पालन का कार्य निरंतर जारी रहा। जब सभी टंकियों में वर्मी कम्पोस्ट के लिए केचुंआ पर्याप्त मात्रा में पूर्ण हो गया तब मांग के अनुरूप इसका विक्रय किया गया।
एक किलो केचुंआ की कीमत तीन सौ रुपये
50 किलोग्राम केचुंआ तीन सौ रुपये प्रति किलोग्राम के दर से विक्रय कर 15 हजार रुपये की आमदनी केचुंआ बेचकर महिलाओं ने हासिल की है। अन्य स्थानों से केचुंआ खरीदना न पड़े इसके लिए सभी जोन के गोधन न्याय योजना के गोबर खरीदी केंद्र में केचुंआ का पालन किया जा रहा है। गौरतलब है कि सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण की ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्हें प्रशिक्षित कर आत्म निर्भर बनाया जा रहा है।