बीजापुर। ब्लाक के संकुल केंद्र नैमेड़ और कैका में आयोजित क्लब मीटिंग में जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद ठाकुर ने कहा कि पढ़ाई तुंहर दुआर के अंतर्गत मोहल्ला क्लास के संचालन में सभी शिक्षकों की भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए। कोरोना संक्रमण के दौर में बच्चों की शिक्षा को नियमित और व्यवस्थित रखने की हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है, जिसे शासन के गाइड लाइन के अनुसार सफल बनाना है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि शाला अनुदान का स्कूल व्यवस्था भवन और परिसर को बेहतर बनाने में ईमानदारी के साथ उपयोग हो इसकी जिम्मेदारी संस्था प्रभारी के साथ समस्त शिक्षकों और शाला प्रबंधन समिति की होगी। सभी संस्थाओं को आकर्षक बनाने तथा प्रिंट रिंच वातावरण तैयार करने की दिशा में प्राथमिकता से कार्य होना चाहिए । ईको क्लब की राशि से सभी संस्थाओं में फलदार पौधे का रोपण कर सुरक्षित रखने की दिशा में कार्य होना आवश्यक है।
बच्चों के प्रवेश लेने की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूर्ण कर एंट्री लेवल के बच्चों की शिक्षा पोर्टल में एंट्री पूर्ण की जाए। नए शिक्षा सत्र में शैक्षणिक गतिविधियों को बेहतर बनाने के लिए सभी शिक्षक अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। इस अवसर पर बीईओ मोहम्मद जाकिर खान ने कहा कि अब हम लंबे समय तक बच्चों को शिक्षा से अलग रखकर भावी पीढ़ी की नींव को कमजोर नहीं कर सकते। हमें कोई न कोई नवाचार कर बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की कवायद करनी ही होगी।
ब्लाक स्तर पर होगी रिपोर्टिंग
इसके लिए सभी संस्था प्रभारी अपने वातावरण और परिवेश अनुसार आनलाइन व आफलाइन क्लास की कार्ययोजना बनाकर बच्चों की नियमित शिक्षा को अमली जामा पहनाएंगे जिसकी नियमित रिपोर्टिंग ब्लाक स्तर पर होगी। बीईओ ने कहा कि नए शिक्षा सत्र में सभी शिक्षक सकारात्मक भाव के साथ शैक्षणिक गतिविधियों को संचालित करेंगे।
बैठक में आमाराइट कार्ययोजना के संकलन, जाति प्रमाणपत्र की प्रगति, शाला अनुदान के उपयोग की कार्य योजना, बंद स्कूलों के पुनः संचालन के प्रस्ताव, शालाओं में प्रींच रिंट वातावरण, किचन गार्डन का विकास एवं रख रखाव, नव प्रवेशी बच्चों की दर्ज संख्या, पौधारोपण, सूखा राशन वितरण, महतारी दुलार योजना, श्रेष्ठा योजना, गणवेश वितरण, सरस्वती साइकिल वितरण तथा आनलाइन एंट्री की समीक्षा कर समय सीमा में सभी कार्य संपादित करने के निर्देश दिए। बैठक में बीआरसी कामेश्वर दुब्बा, संकुल समन्वयक टी आनंद, एकलव्य प्राचार्य हरिकृष्ण कोरसा सहित सभी स्कूलों के शिक्षक थे।