बिलासपुर। Bilaspur News: कृषि कानून के विरोध में आंदोलनरत किसानों का समर्थन, निजीकरण पर रोक लगाने, बिजली बिल वापस लेने समेत अन्य मांग को लेकर सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन ने धरना दिया। तीन घंटे चले धरना के बाद 109 कार्यकर्ताओं ने सांकेतिक रूप से गिरफ्तारी दी गई। वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की नीति अभी तक मजदूर विरोधी ही दिखाई दे रही थी, पर अब किसान विरोधी भी हो गई है। कृषि कानून से किसानों आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ेगा।
घंटाघर ओपन आडिटोरियम के सामने बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा समक्ष संगठन के पदाधिकारी एकजुट हुए। उपस्थितजनों को वरिष्ठ पदाधिकारियों ने संबोधित करते हुए कहा कि किसान अपनी मांग को लेकर दिल्ली में 42 दिन से आंदलोन कर रहे हैं, पर केंद्र सरकार कानून वापस नहीं ले रही। उन्होंने कहा कि आंदोलन का विस्तार होते हुए देशव्यापी होते जा रहा है, इसके समर्थन में मजदूर वर्ग समेत अन्य पेशा से जुड़े लोग भी सामने आ रहे हैं। बावजूद केंद्र सरकार की नींद नहीं टूट रही।
उन्होने कहा कि पूंजीवादी व्यवस्था पूरी तरह से असफल साबित हुई और चैतरफा संकट के दलदल में फंस गई है। असहमति की आवाजों को दबाया जा रहा है। एसएन बनर्जी ने कहा कि सीटू ने ना केवल आंदोलन को समर्थन दिया है, बल्कि आंदोलन में भी शामिल हो रहा है। श्रमिक वर्ग अपनी मांग को लेकर पहले से ही संघर्ष कर रहा है। अब किसान आंदोलन के प्रति और अधिक सक्रिय एकजूटता के साथ संगठित होगा।
धरना- प्रदर्शन के बाद कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार की उपस्थिति में पुलिस के समक्ष गिरफ्तारी दी। इस मौके पर एसएन बनर्जी, एस घोष, वीएम मनोहर, जनाराम कर्ष, डीएल टंडन, विमल सिंह, सीटू, किसान सभा से जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा, सोनकुंवर समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।
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प्रमुख मांगें
0 चार श्रमिक विरोध कोड वापस लेने
0 कृषि विरोधी तीन कानून वापस लेने
0 इलेक्ट्रिसिटी बिल 2020 वापस लेने
0 निजीकरण पर रोक लगाने
0 गैर आयकरदाता परिवारों को 7500 रुपये नगद देने
0 जरूरतमंद को 10 किलोनी अनाज प्रतिमाह देने
0 मनरेगा का काम का दायरा बढ़ा कर 200 दिन करने
0 एनपीएस निरस्त कर पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने
0 सबके लिए सामाजिक सुरक्षा निश्चित करने
0 मुफ्त चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करना