चिटफंड कंपनियों के 13 एजेंटों ने दबाव के चलते कर ली खुदकुशी
कंपनियों के गायब होते ही निवेशकों का गुस्सा एजेंटों पर फूट पड़ा। धीरे-धीरे स्थिति एक बार फिर विस्फोटक होने लगी है।
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Publish Date: Fri, 24 Nov 2017 03:59:22 AM (IST)
Updated Date: Sat, 25 Nov 2017 09:39:08 AM (IST)
बिलासपुर। प्रदेश के 20 लाख लोगों से 50 हजार करोड़ रुपए लूटने वाली चिटफंड कंपनियों ने एक लाख पांच हजार एजेंटों की जान को जोखिम में डाल दिया है। यही नहीं पुलिस के बढ़ते दबाव और पंचायतों की प्रताड़ना के चलते अब तक 13 एजेंटों ने खुदकुशी कर ली है।
वर्ष 2005 से 2016 तक रजिस्टर्ड और बेनामी चिटफंड कंपनियों ने प्रदेश में जमकर व्यवसाय किया। कंपनी में निवेश करने के लिए एजेंटों को तरह-तरह का प्रलोभन देने के साथ ही निवेशकों को आकर्षक पैकेज देने की घोषणा भी की थी।
प्रदेश के दिग्गज मंत्रियों से लेकर आला अधिकारियों ने चिटफंड कंपनियों के कार्यक्रमों में मंच भी शेयर किया है। 11 साल के भीतर इन कंपनियों ने प्रदेश के 20 लाख निवेशकों को झांसा देते हुए 50 हजार करोड़ रुपए इनकी जेब से निकाल लिए। इसके बाद अपने आलीशान कार्यालयों में ताला जड़ते हुए रातोंरात गायब हो गईं। कंपनियों के गायब होते ही निवेशकों का गुस्सा एजेंटों पर फूट पड़ा। धीरे-धीरे स्थिति एक बार फिर विस्फोटक होने लगी है।