नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर: कोटा विकासखंड के ग्राम तेंदुआ हलका नंबर 11 के पटवारी रेवती रमन सिंह पैंकरा का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। 2015 के पंचसाला में खसरा नंबर 77 रकबा 11.748 हेक्टेयर (29 एकड़) के दस्तावेज में बदलाव कर 14 एकड़ को दूसरे के नाम पर चढ़ा दी। बाद में फर्जी नामांतरण आदेश के आधार पर संबंधित ने दूसरे को बेच दी। नईदुनिया के पास उपलब्ध दस्तावेज के अनुसार 2015 के खसरा पंचसाला में मूल खसरा नंबर 77 का रकबा 11.748 हेक्टेयर (29 एकड़) था। रिकॉर्ड में यह बड़े झाड़ के जंगल मद में दर्ज है।
इसका भू स्वामी छत्तीसगढ़ शासन प्रबंधक कलेक्टर बिलासपुर हैं। पटवारी रेवती रमन सिंह पैकरा ने दस्तावेजों में कूटरचना कर खसरा नंबर 77 को चार टुकड़ों में विभक्त कर दिया। वर्तमान दस्तावेज में खसरा नंबर 77/1 शासकीय भूमि है। इसके रकबे को 6.0820 यानी 15 एकड़ दर्शाया गया है। वहीं खसरा नंबर 77/2 का रकबा 1.6200 हेक्टेयर (चार एकड़) है। इसे पटवारी रेवती रमन ने ज्योति पति किरण कुमार के नाम पर दर्ज कर दिया। इसी तरह खसरा नंबर 77/3 रकबा 2.0230 हेक्टेयर (पांच एकड़) है। यह मुपेश पिता सीताराम के नाम पर है।
वहीं पटवारी रेवती रमन सिंह ने अपने परिचित पथरिया निवासी अनिल जांगड़े के नाम पर खसरा नंबर 77/4 रकबा करीब पांच एकड़ को दर्ज कर दिया। इसी जमीन को अनिल जांगड़े ने बलौदाबाजार जिले के तिलदा नेवरा निवासी गिरधारी लाल वर्मा पिता कोदू वर्मा और पवन कुमार वर्मा पिता कोदूलाल वर्मा को बेच दी। इसके बाद तीन जून 2025 को फर्जी नामांतरण आदेश क्रमांक सीजी 2025-26-120-1-288 के आधार पर इसकी रजिस्ट्री हो गई।
खोंगसरा और आमागोहन में भी गड़बड़ी पटवारी रेवती रमन सिंह पैंकरा तेंदुआ के पूर्व आमागोहन और खोंगसरा में भी पदस्थ रहे। वहां भी शासकीय जमीन के दस्तावेज में छेड़छाड़ कर इसे निजी लोगों के नाम पर दर्ज कर दिया है। गांव में जब नए पटवारी आए और गिरदावरी की गई तो गड़बड़ी परत दर परत खुलती गई।
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अन्य मामले में पटवारी हो चुका है निलंबित तेंदुआ में पदस्थापना के दौरान पटवारी रेवती रमन ने शासकीय जमीन की जमकर बंदरबांट की है। कोटा जनपद पंचायत सदस्य अलीबाबा कश्यप ने खसरा नंबर कलेक्टर को तेंदुआ पटवारी हलका नंबर 11 स्थित खसरा क्रमांक 69, 70 और 77 तथा वन विभाग कंपार्टमेंट नंबर 2485 की जमीन को फर्जी तरीके से निजी लोगों के नाम पर दर्ज कराए जाने की शिकायत की थी।
जांच सिर्फ खसरा नंबर 69/2 की हुई। इस खसरा नंबर में दर्ज शासकीय भूमि में बदलाव कर दूसरे के नाम पर करने की शिकायत है और जांच के बाद दोषी पाए जाने पर कोटा एसडीएम नितिन तिवारी ने पटवारी रेवती रमन को निलंबित कर दिया।