बिलासपुर। Bilaspur News: बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक शैलेष पांडेय के सवाल पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने जो जवाब दिया है वह बिलासपुर जिले के पुलिस महकमा की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठाता है। गृहमंत्री ने सदन के समक्ष लिखित जवाब पेश करते हुए बताया है कि जिले के 22 पुलिस के अधिकारी व मातहतों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में जुर्म दर्ज किया गया है। 21 प्रकरणों में निचली अदालतों में चालान पेश करने की जानकारी भी दी है। एक प्रकरण थाने स्तर पर लंबित है।
विधायक पांडेय ने मानसून सत्र के दौरान सवाल लगाकर गृह विभाग से पूछा था कि एक जनवरी 2019 से 15 जून 2021 तक बिलासपुर जिले के थानों में पुलिस कर्मियों के विस्र्द्ध कितने आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं। विधायक ने यह भी पूछा कि उनमें से कितने प्रकरणों में कार्रवाई की गई। वर्तमान स्थिति को लेकर भी सवाल दागा। गृहमंत्री साहू ने अपने लिखित जवाब में बताया कि पुलिस के 22 अधिकारी व कर्मियों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में जुर्म दर्ज किया गया है।
इनमें से 21 प्रकरणों में कोर्ट मंे चालान पेश किया गया है। एक प्रकरण लंबित है। विधायक पांडेय ने एक और सवाल पूछा कि एक जनवरी 2019 से 25 जून 2021 तक जिले में पंजीकृत अपराध के कितने मामलों में पुलिस अधीक्षक द्वारा स्पेशल टीम का गठन किया गया। अगर किया गया है तो टीम गठन का आधार क्या होता है। भादवी की धारा 302,307 व 498 के तहत कितने प्रकरणों में विशेष टीम का गठन किया और परिणाम क्या रहा।
25 मामलों में बनी स्पेशल टीम
गृहमंत्री ने बताया कि बिलासपुर पुलिस अधीक्षक ने 25 मामलों में स्पेशल टीम का गठन किया। ऐसे अनसुलझे मामले जिनमें अपराधियों की धरपकड़ जस्र्री है अलग-अलग स्थानों पर राज्य के भीतर और बाहर कई टीमों को भेजने की आवश्यकता होती है तब टीम का गठन किया जाता है।