बिलासपुर। Administration News: मुंगेली जिले में इन दिनों शासकीय मद की राशि का उपयोग शासन की मंशानुरूप नहीं हो रहा है। जिले में बीआरजीएफ की राशि का उपयोग अंग्रजी माध्यम स्कूल के भवन निर्माण के लिए किया जा रहा है।
जबकि इस राशि का इस्तेमाल ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों के जरिए होता है। लेकिन इसका इस्तेमाल नगरीय निकाय क्षेत्र में किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव द्वारा 12 अप्रैल 2017 को सभी जिपं सीईओ को बंद योजनाओं की राशि ब्याज सहित वापस करने को लेकर पत्र जारी किया गया था। लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। जानकारी के अनुसार उक्त राशि में पूर्ववर्ती वित्त अनुदान आयोग जैसे दसवें, ग्यारहवें, बारहवें, तेरहवें वित्त अयोग एवं जिला नवाचार निधि के अंतर्गत अनुदान अवधि में जिला पंचायतों, जनपद पंचायतों को आवंटित राशि शामिल है।
इन सभी योजनाओं के समाप्त हो जाने के कारण इनकी बचत राशि मय बैंक ब्याज वापस करने का आदेश दिया गया था। इसी तरह बीआरजीएफआई. एपी राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना, मुख्य ग्राम उत्कर्ष योजना, छत्तीसगढ़ ग्रामीण निर्माण योजना, ग्राम विकास योजना, छत्तीसगढ़ गौरव योजना एवं हमारा छत्तीसगढ़ योजना, मुख्यमंत्री जनपद सशक्तिकरण योजना, सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के अंतर्गत जिला पंचायतों को आवंटन उपलब्ध कराया गया था।
उक्त सभी योजनाओं में स्वीकृत कार्य हो जाने के कारण इन मदों में संबंधित जिला पंचायतों में राशि उपलब्ध है। साथ ही इन मदों में जमा राशि के एवज में बैंकों द्वारा दिए गए ब्याज की राशि भी शामिल है।
10 मई 2017 की थी डेड लाइन
शासन द्वारा उक्त मदों की राशि को 10 मई 2017 के पूर्व डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से विशेष वाहक के द्वारा जमा कराए जाने का निर्देश दिया गया था। उक्त मदों में शेष जमा राशि वापस नहीं किए जाने पर यह मान लिया गया था कि उक्त मदों में संबंधित जनपद पंचायत में कोई राशि शेष नहीं है।
ग्राम पंचायतों के लिए होती है बीआरजीएफ की राशि
मुंगेली जिले में 2014-15 से बंद योजना की राशि का खर्च अंग्रेजी माध्यम स्कूल के निर्माण के लिए किया गया। जानकारी के अनुसार बीआरजीएफ की लगभग दो करोड़ की राशि ग्राम पंचायत लिलवाकापा और खेड़ा के नाम से राशि आहरित कर नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत दाऊपारा में अंग्रेजी माध्यम स्कूल भवन के निर्माण के लिए खर्च कर दी गई। जबकि उक्त राशि का उपयोग ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए ही किया जाना था। 2014-15 से बंद पड़ी इस योजना की राशि शासन को वापस भी की जानी थी।
बीआरजीएफ की राशि की संबंध में मुझे जानकारी नहीं है। इस संबंध में पूरी जानकारी ली जाएगी।
पदुम सिंह एल्मा, कलेक्टर मुंगेली