बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। मेल, दूरंतो, ज्ञानेश्वरी सुपरडीलक्स जैसी प्रमुख ट्रेनों के बाद लेटलतीफी करने के लिए रेलवे के निशाने पर राजधानी एक्सप्रेस है। जिस ट्रेन की मानिटरिंग सीधे रेलवे बोर्ड से होती है। वह भी अब विलंब हो रही है। गुरुवार को बिलासपुर से छूटकर नई दिल्ली जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस दोपहर दो बजे की जगह ढाई बजे रवाना हुई। इसके चलते यात्री परेशान हुए और स्टेशन में इसकी लेटलतीफी को लेकर अधिकारी से लेकर कर्मचारियों में हड़कंप जैसी स्थिति बनी रही। जाहिर है कि आधे घंटे विलंब का जवाब देना होगा।
रेलवे अब ट्रेनों को समय पर नहीं चलाती। इसके रद करने में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन का जवाब नहीं है। इससे यह तो स्पष्ट है कि यात्रियों की परेशानी से रेलवे को कोई लेना देना नहीं है औरन रेलवे बोर्ड का खौफ है। तभी ऐसी ट्रेनों को भी बेवजह रोक दी जाती है, जिसकी एक मिनट भी देरी होने पर लंबी पूछताछ शुरू हो जाती थी। मेल व दूरंतो एक्सप्रेस ट्रेन दो से तीन घंटे विलंब से देर से पहुंच रही है। जोन में इन ट्रेनों को बेवजह रोक दी जाती है। जबकि यात्री, टीटीई यहां तक गार्ड व चालक भी जोन के दायरे में ट्रेनों को रोकने की पुष्टि कर चुके हैं। इसके बाद भी न तो किसी पर कार्रवाई हो रही और न यात्रियों को परेशानियों से छुटकारा मिल रहा है। गुरुवार को सबसे प्रमुख ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस भी आधे घंटे विलंब से जोनल स्टेशन से रवाना हुई। हालांकि इसकी लेटलतीफी की वजह इंजन में तकनीकी खराबी बताई जा रही है। दोपहर दो बजे रवाना होने वाली यह ट्रेन इसी समय पर प्लेटफार्म पर पहुंची। एक कारण यह बताया जा रहा है कि इस ट्रेन के लिए जोनल स्टेशन में प्लेटफार्म नहीं थी। उत्कल एक्सप्रेस उस समय प्लेटफार्म क्रमांक एक पर खड़ी थी। गुरुवार को और भी ट्रेनें ऐसी थी, जो विलंब से पहुंची। इनमें मुख्य रूप से हावड़ा से पुणे जाने वाली आजाद हिंद एक्सप्रेस, छपरा- दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस शामिल है। सुबह की दोनों ट्रेनें दोपहर में बिलासपुर पहुंची। जिसके कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।