बिलासपुर। Bilaspur News: कलेक्टर संजीव झा ने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के कार्यपालन अभियंता का वेतन रोकने का निर्देश दिया है। उन्होंने शिक्षकों का संलग्नीकरण तत्काल प्रभाव से समाप्त कर मूल पदस्थापना वाले विद्यालयों में भेजने के आदेश दिए हैं। कलेक्टर ने विभिन्न विभागों, जनपद कार्यालयों तथा तहसील कार्यालयों में शिक्षकों के संलग्नीकरण को गंभीरता से लेते हुए तत्काल मुक्त करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जहां भी अतिरिक्त कर्मचारियों की आवश्यकता है, मांग के अनुसार जिला कार्यालय से उपलब्ध कराई जाएगी। किसी भी कार्यालय में शिक्षकों को संलग्न न करें। कलेक्टर ने कहा कि सभी विकासखंड में दो-दो माडल नरवा का विकास कार्य ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अनुविभागीय अधिकारी दो माह में पूर्ण करें। माडल नरवा के तर्ज पर बाकी नालों को भी नरवा विकास के तहत जल संचयन हेतु उपयुक्त संरचना का निर्माण करें।
उन्होंने कहा कि नरवा विकास से सिंचित क्षेत्र तथा वाटर लेवल बढ़ना चाहिए। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विनय कुमार लंगेह, अपर कलेक्टर एएल ध्रुव सहित विभिन्न् विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यालय में बैठ न करें बाबूगीरी
कलेक्टर संजीव कुमार झा ने कहा है कि मनरेगा के विभिन्न् घटकों के सभी संकेतकों में भौतिक रूप से प्रगति लाएं। जनपद सीईओ, पीओ तथा एपीओ केवल कार्यालय में बैठकर बाबूगीरी न करें बल्कि फील्ड में जाकर मैदानी कार्य की सतत मानिटरिंग करें।
कार्यालय दिवस के प्रथम आधे दिन मैदानी कार्यों का निरीक्षण करें। इस दौरान आरईएस के कार्यपालन अभियंता अशोक सिंह बिना अनुमति के मुख्यालय से अनुपस्थित रहने के कारण वेतन रोकने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि वर्तमान में किसी प्रकार की शासकीय कार्यक्रमों का विशेष अभियान नहीं चल रहा है। ऐसे में मनरेगा के तहत विभिन्न् कार्यक्रमों के लिए 31 मार्च तक निर्धारित लक्ष्य को पूरा करें।
सभी अपने जिम्मेदारियों का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि प्रति परिवार औसत कार्य दिवस, 100 मानव दिवस, रोजगार सृजन, नरवा विकास कार्य आदि में जिले की प्रगति कमजोर है इसमें समय पर सुधार लाएं।
कार्य में सुधार लाने एक सप्ताह की मोहलत
कलेक्टर ने जनपद सीईओ एवं पीओ को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि एक सप्ताह के अंदर कार्य में सुधार लाएं नहीं तो कठोर कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर ने जनपद पंचायत के सीईओ एवं पीओ के प्रतिदिन के कार्यों की निगरानी करने लिए डेली डायरी संधारित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रतिदिन के कार्यों को डेली डायरी में दर्ज करे तथा सप्ताह में जिला पंचायत सीईओ से अवलोकन कराएं। डायरी के अनुसार ही उनके कार्यों की समीक्षा की जाएगी।