कोरबा।Awareness Campaign: बारिश के मौसम में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में अधिक संख्या मे सर्प दिखाई देते हैं। सर्पों के प्रति डर के कारण उन्हें मार दिया जाता है। इस समस्याओं को देखते हुए स्याहीमुड़ी में आर सी आर एस एवं छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा कोरबा इकाई के सदस्यों की ओर से जागरूकता अभियान का कार्यक्रम किया गया। सर्पमित्र व आर सी आर एस के सदस्य रघु ने ग्रामवासी को बताया विषैले और विषहिन सर्पों की पहचान करने महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। उनमें पाए जाने वाले लक्षणों को बताया। प्रकाश तेंदुलकर ने सर्प दन्त से बचाव से अवगत कराया, जिसमें लोगों को बताया गया कि बिस्तर को दीवार के किनारे नहीं रखना चाहिए।
सोने से पहले बिस्तर को साफ करके ही सोना चाहिए और जमीन मे सोने से बचाना चाहिए। घरों में रात को रोशनी की व्यवस्था रखनी चाहिए। इस तरह जागरूकता के अभाव में सर्पों को मारते रहे तो हमारे खाद्य शृंखला में विपरीत प्रभाव पड़ेगा। इस प्रकार जागरूक किया गया। जल्द ही छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा एवं आर सी आर एस एवं मिशन स्नेक वाइट डेथ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान मे कराए जाएंगे। टीम से रघु, प्रिया, विकी सोनी, अंजलि एवं प्रकाश तेंदुलकर उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने मे अविनाश यादव, निधी सिंह एवं रमा श्रीवास का विशेष योगदान रहा।
अंधविश्वास को दूर करने का प्रयास
विज्ञान सभा के सचिव दिनेश कुमार ने बताया कि कुरीतियों व अंधविश्वास के चलते कई बार ग्रामीण अंचलों में सांपों को पकड़कर मार देने या जला देने का चलन देखा जाता है। इस तरह जागरूकता अभियान से हम सर्प संरक्षण की दिशा में प्रयास सुनिश्चित कर सकेंगे। रैप्टाइल केयर एंड रेस्क्यूअर सोसाइटी इसमें मदद कर रहा।
स्कूल-कालेज के छात्रों को जोड़ रहे
सांप जैसे खतरनाक प्राणी से दोस्ती।कर उनकी जान बचाने में युवा और मददगार बन रहे, ताकि प्राकृतिक संतुलन कायम रहे। इसके लिए छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा की मदद से हर गांव में स्कूल-कालेज के बच्चों को पक्षी व सर्पमित्र बनाने अभियान चलाया जा रहा। इस तरह वे ग्रामीणों में पक्षियों के शिकार या सांप दिखते ही उन्हें मारकर जला देने के चलन को बदलने में मददगार बनेंगे। इसके लिए विशेषज्ञों की मदद से प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे उन्हें पहचान सकें और उनके संरक्षण की दिशा में स्वयं आगे आकर अपने परिवार व गांव को भी जागरूक कर सकें