नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। अब आपकी थाली में क्या पक रहा है, ये सिर्फ स्वाद नहीं बताएगा, अब हर प्लेट में मौजूद तेल और चीनी की जानकारी एक बोर्ड पर मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद भवन की कैंटीन में शुरू की गई आयल बोर्ड पहल अब पूरे देश में तेजी से लागू हो रही है। इसी कड़ी में गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर ने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए अपने सभी कैफेटेरिया में आयल व शुगर बोर्ड (Oil and Sugar Boards) लगाने का निर्णय लिया है।
कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल ने इस योजना को साकार करने के लिए विशेष टीम का गठन कर एक सप्ताह में बोर्ड लगाने के निर्देश दिए हैं। इसका उद्देश्य छात्रों और स्टाफ को उनके खाने के बारे में पूर्ण जानकारी देना है ताकि वे बेहतर और हेल्दी विकल्प चुन सकें।
आयल व शुगर बोर्ड एक ऐसा सूचना बोर्ड है, जिस पर ये विवरण होंगे-
इस तरह की जानकारी उपभोक्ताओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत करेगी और उन्हें इनफॉर्म्ड चॉइस लेने में मदद मिलेगा।
इस पहल से विश्वविद्यालय कैंपस में खाद्य पारदर्शिता (Food Transparency) बढ़ेगी। बार-बार गर्म किए गए तेल या अत्यधिक चीनी का सेवन कई बार अनजाने में ही हो जाता है, जिससे मोटापा, दिल की बीमारियां और मधुमेह जैसी समस्याएं जन्म लेती हैं। इस नई व्यवस्था से इन जोखिमों को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
प्रो. चक्रवाल ने कहा कि छात्रों की सेहत हमारे लिए प्राथमिकता है। हम उन्हें यह बताना चाहते हैं कि वे क्या खा रहे हैं। यह बोर्ड सिर्फ एक सूचना नहीं, एक जिम्मेदारी है, खुद के स्वास्थ्य की।