
बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। रविवार की रात उधारी में गुटखा लेने के विवाद पर गोली मारकर दुकान संचालक के पुत्र की हत्या के बाद भाग रहे दो युवकों को पुलिस ने सारनाथ एक्सप्रेस से गिरफ्तार किया है। उनका साथ देने वाले एक अन्य युवक को भी पुलिस ने पकड़ लिया है। पूछताछ में पता चला कि एक आरोपित भूपेंद्र पोर्ते गांजा लेकर बेचने के लिए उत्तर प्रदेश गया था। वहीं से पिस्टल खरीदकर लाया था। रविवार की रात विवाद के बाद उसने उसी पिस्टल से फायर कर दुकान संचालक के बेटे की हत्या की थी। आरोपित युवकों को न्यायालय में पेश किया गया है।
एसपी पास्र्ल माथुर ने बताया कि रविवार की रात उधार में सामान नहीं देने पर पचपेड़ी क्षेत्र में मानिकचौरी में दो युवकों ने दुकान संचालक मंगतूराम अजय के बेटे अनीस(17) पर गोली चला दी थी। घायल किशोर की मौत हो गई। इस दौरान युवकों ने दुकान संचालक और उसके परिवार वालों की भी पिटाई की। घटना की सूचना पर पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर आरोपित की जानकारी ली। इसमें पता चला कि मानिकचौरी निवासी भूपेंद्र पोर्ते(28) व नंदकिशोर साहू ने घटना को अंजाम दिया है।
पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। एक ग्रामीण ने बताया कि दोनों बलौदाबाजार जिले के रसेड़ा निवासी वीर सिंह साहू(30) के साथ घूम रहे हैं। पुलिस की टीम ने रसेड़ा में दबिश दी। वहां पर पता चला कि आरोपित सुबह से निकल गए हैं। सोमवार की रात वीर सिंह को पुलिस ने भाटापारा में पकड़ लिया। उसने बताया कि भूपेंद्र और नंदकिशोर सारनाथ एक्सप्रेस से प्रयागराज के लिए निकल गए हैं।
पुलिस की टीम ने उसलापुर रेलवे स्टेशन में घेराबंदी की। ट्रेन के स्टेशन पहुंचते ही जवान जनरल बोगी में घुसकर तलाशी लेने लगे। थोड़ी ही देर में पुलिस ने नंदकिशोर को पकड़ लिया। इस बीच ट्रेन स्टेशन से छूटने लगी। इधर दूसरा आरोपित पुलिस की पकड़ में नहीं आया था। जवान बोगी में ही रहे। आगे जाकर दूसरे डिब्बे में भूपेंद्र भी मिल गया। उसे कोटा स्टेशन में उतारा गया। पुलिस ने तीनों आरोपित को न्यायालय में पेश किया है।
अवैध शराब बेचता है सहयोगी, आत्मदाह की देता था धमकी
हत्या के आरोपित की तलाश में बलौदाबाजार पहुंची। पुलिस ने सबसे पहले वीर सिंह की जानकारी ली। इसमें पता चला कि वह गांव में अवैध शराब बेचता है। पुलिस कार्रवाई के दौरान वह आत्मदाह की धमकी देता था। पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई भी की है। भागने के पहले आरोपित भूपेंद्र ने उसे अपनी पिस्टल और बाइक दे दी थी।
ससुराल वालों ने भगाया, दोस्त ने दी शरण
हत्या के बाद फरार आरोपित नंदू साहू अपने ससुराल रसेड़ा पहुंचा। वहां पर उसने ससुराल वालों को घटना की जानकारी दी। इस पर उन्होंने दामाद और उसके साथी को पनाह देने से इन्कार कर दिया। इसके बाद वे वीर सिंह के पास पहुंचे। उसने आरोपित को अपने घर में ठहराया। इसके बाद उसने ही भाठापारा में दोनों को ट्रेन में बिठाया।