Bilaspur Lok Sabha Election Result 2024: भाजपा के अभेदगढ़ में कांग्रेस की जोर आजमाइश, बिलासपुर लोकसभा सीट में तोखन और देवेंद्र के बीच सीधा मुकाबला
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में छत्तीसगढ़ के सात सीटों पर सात मई को वोटिंग हुई। ये है छत्तीसगढ़ के सात लोकसभा सीटें रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, दुर्ग, रायगढ़, सरगुजा और जांजगीर-चांपा।
Edited By: Radha Krishna Sharma
Publish Date: Mon, 03 Jun 2024 07:51:36 PM (IST)
Updated Date: Tue, 04 Jun 2024 06:07:24 AM (IST)
HighLights
- Chhattisgrah, Bilaspur Lok Sabha Seat Result: इंतजार खत्म, लोकसभा की 543 सीटों पर नतीजों का काउंटडाउन शुरू हो गया है
- CG, Bilaspur Lok Sabha Election Result 2024:बिलासपुर लोकसभा सीट पर वर्ष 1997 से भाजपा का कब्जा है।
- Bilaspur Lok Sabha Chunav Result 2024:बिलासपुर से भाजपा ने पूर्व विधायक तोखन साहू व कांग्रेस ने भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है।
Bilaspur Lok Sabha Seat : बात करें बिलासपुर की तो तोखन और देवेंद्र के बीच सीधा मुकाबला सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित और ओबीसी बहुलता वाले बिलासपुर लोकसभा सीट भाजपा के लिए अभेद गढ़ में तब्दील हो गया है। वर्ष 1997 से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। भाजपा ने पूर्व विधायक तोखन साहू व कांग्रेस ने भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है।
कहानी जब मिली देवेंद्र को उम्मीदवारी
उम्मीदवारी की घोषणा के बाद कांग्रेस उम्मीदवार को पार्टी के भीतर विरोध झेलना पड़ा। पूर्व महापौर वाणी राव,पूर्व विधायक चंद्रप्रकाश वाजपेयी और पार्षद विष्णु यादव ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया है। अंतर्विरोध के साथ ही खुला विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है।
दोनों पार्टी के स्टार प्रचारक पहुंचे बिलासपुर
बिलासपुर लोकसभा सीट में भाजपा व कांग्रेस के एक-एक स्टार प्रचारकों ने चुनावी सभा ली है। भाजपाध्यक्ष जेपी नड्डा की लोरमी में और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सकरी में आम सभा हुई थी।
बिलासपुर में 27 साल का इतिहास
बिलासपुर लोकसभा सीट पर भाजपा का बीते 27 साल से कब्जा चला आ रहा है।
चुनाव में इनकी प्रतिष्ठा दांव पर
आमतौर पर लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं। देशव्यापी मुद्दों के अलावा स्थानीय मुद्दे भी तब हावी हो जाते हैं जब विधायक या मंत्री चुनावी कमान संभाल लेते हैं। बिलासपुर लोकसभा सीट में तो कमोबेश कुछ इसी तरह का दृश्य नजर आ रहा है। लोकसभा उम्मीदवार के बजाय मंत्री व विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इस बात का सीधा-सीधा अहसास विधायक व मंत्री को भी है।