बिलासपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे कोविड-19 के योद्धाओं के लिए 10 हजार पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स (पीपीई) किट का निर्माण कर रही है। बिलासपुर मंडल ने चार हजार से अधिक किट तैयार करने का लक्ष्य रखा है। जगाधारी वर्कशॉप नार्दन रेलवे के साथ सर्टिफाइड किट का निर्माण किया जा रहा है।
संक्रमण से आमजन को बचाने रेलवे द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। मास्क और बार-बार हाथ धोने, दस्ताने का उपयोग भले ही हम कर रहे हैं,किंतु कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज में जुटे मेडिकल स्टॉफ के लिए पीपीई किट अति आवश्यक है। देश में इसकी उपलब्धता काफी कम है। बोर्ड के आदेश पर एसईसीआर ने किट तैयार करने बीड़ा उठाया है। मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर और मेडिकल स्टाफ को सिर से पांव तक वायरस संक्रमण से बचाव के लिए कई तरह की चीजें पहननी होती हैं और ये सारी चीजें पीपीई किट में होती हैं। लिहाजा रेलवे जगाधारी वर्कशॉप से बेसिक मटेरियल खरीदा और स्टोर से मदद लेकर निर्माण का काम शुरू कर दिया। डीआरडीओ और एसआइटीएआरए से प्रमाणित है। केंद्रीय चिकित्सालय के चिकित्सक भी जुटे हुए हैं। 15 अप्रैल के बाद मंडल में चार हजार नागपुर व रायपुर मंडल को तीन-तीन हजार किट का टारगेट दिया हुआ है। अधिकारियों का दावा है कि इस लक्ष्य को बहुत जल्दी हासिल कर लिया जाएगा।
क्या है पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट किट
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट, प्रोटेक्टिव गियर्स हैं, जिन्हें कोरोनावायरस पीड़ितों का इलाज कर रहे डॉक्टरों और नर्स आदि को सुरक्षित रखने के लिए डिजाइन किया गया है। इन गियर्स को पहनने से डॉक्टर्स कीटाणु के संपर्क में आने से खुद को अधिक से अधिक बचा पाते हैं। पीपीई किट में चश्में, फेस, शील्ड, मास्क, दास्ताने, गाउन, हेड कवर और शू कवर आदि शामिल किए जाते हैं।
आइसोलेशन वार्ड तैयार
बिलासपुर रेल मंडल ने पहले ही आइसोलेशन वार्ड वाले तीस कोच तैयार कर लिए हैं। इनमें से 21 कोच की एक रैक को प्लेटफार्म नंबर सात पर खड़ा किया गया है। 30 कोच में टोटल 240 बेड तैयार हो चुका हैं। जबकि इतनी ही संख्या में अभी और तैयार किए जा रहा है। केंद्रीय चिकित्सालय में भी सौ बेड का वार्ड बनाया जा चुका है।
बोर्ड के आदेश पर पीपीई किट का निर्माण किया जा रहा है। जगाधारी वर्कशॉप नार्दन रेलवे के सहयोग से कार्य तेज गति से चल रहा है। कोरोना के इलाज में जुटे मेडिकल स्टॉफ को इससे काफी आसानी होगी। बिलासपुर जोन कोरोना से निपटने हर मुमकिन प्रयास कर रहा है। जोन में दस हजार किट निर्माण का टारगेट है। यह किट पूरी तरह से माइकोबायोलॉजिकल प्रमाणित है।
साकेत रंजन
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, दपूमरे बिलासपुर