
Bilaspur News: बिलासपुर। अगर आप सेवा कार्य से जुड़े हैं और निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे हैं तो सबसे पहले यह जान लें कि आपका स्वस्थ रहना जरूरी है। आप यह नहीं जानते कि आपके स्वस्थ्य और खुश मिजाज रहने से कितने जरूरतमंदों को मदद मिलेगी। इसलिए पहले आप स्वस्थ रहें। इसके लिए सतर्कता और कुछ जरूरी उपाय भी आपको करने होंगे।
विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर शिव अनुराग भवन राजकिशोरनगर मे ब्रह्माकुमारीज एवं मेडिकल प्रभाग के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए ब्रह्माकुमारी गायत्री बहन ने कहा कि स्वस्थ व्यक्ति की पहचान शरीर, मन और संबंधों के स्वास्थ्य से होती है। वैज्ञानी भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि मन और भोजन का स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अगर हम अपने जीवन मे अच्छी सेवा का लक्ष्य रखते हैं तब भी शरीर को स्वस्थ रखना जरूरी है।
एक घटना का उल्लेख करते हुए दीदी ने कहा कि एक व्यक्ति इलाज में पूरी पूंजी गंवाने के बाद भी अपने युवा डाक्टर पुत्र के प्राण नहीं बचा पाए। इस घटना का संबंध केवल खराब स्वास्थ्य नहीं अपितु कर्मों का गहरा हिसाब किताब भी है। पाप व पुण्य कर्म आत्मा के साथ चलते हैं। दीदी ने कहा कि कर्मभोग को काटने का एकमात्र उपाय परमात्मा द्वारा सिखाया गया राजयोग है। ब्रह्माकुमारी संस्थान के मेडिकल विंग और स्पार्क विंग द्वारा बीमारी ठीक करने मे राजयोग के प्रयोग पर अनुसंधान किये जा रहे है और कई सफलताएं भी हासिल की है।
खुशी जैसी खुराक नहीं
विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों ने दीदी के साथ खुशी जैसी खुराक नहीं, दुआ जैसी दवा नहीं, स्वस्थ खाओ स्वस्थ रहो, इलाज से बेहतर है रोकथाम, संतुलित भोजन व नियमित व्यायाम से आनंदमयी जीवन आदि सुविचारों के साथ दीप प्रज्वलित किया और आध्यात्मिकता कि शक्ति से तन - मन - धन व जन सभी प्रकार के स्वास्थ्य को अच्छा रखने का संकल्प लिया।
आज के महावाक्य में परमात्मा ने कहा कि सभी कर्मों का बोझ मुझे दे दो और खुद ट्रस्टी अर्थात निमित्त बनकर हल्के होकर कार्य करो तो मेरी मदद मिलती रहेगी। इसके लिये सच्चे दिल से हिम्मत का कदम उठाने की जरूरत है।