बिलासपुर। Bilaspur Railway News: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में 500 पदों को समाप्त करने का विरोध शुरू हो गया है। स्वतंत्र रेलवे बहुजन कर्मचारी यूनियन ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर ऐसा न करने की मांग की है। उन्होंने जोन की उपलब्धि और कर्मचारियों की कर्मठता को बताते हुए कहा है कि इस निर्णय से कर्मचारियों का मनोबल टूटेगा। इसका प्रभाव कार्यप्रणाली पर भी पड़ेगा।
यूनियन की ओर से पत्र में कहा गया है कि भारतीय रेलवे की अपेक्षाओं के अनुरूप दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन हमेशा से खरा उतरा है। हमेशा से कार्यक्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन करती रही है। यहां कार्यरत कर्मचारियों की लगन व मेहनत का परिणाम है की जोन अलग पहचान रखता है। लेकिन, पिछले कुछ वर्षों से निरंतर पद समाप्त करने से अन्य कर्मचारियों पर कार्य का दबाव बढ़ता जा रहा है। इससे कार्य की उत्कृष्टता में कमी आ रही है।
यूनियन के महामंत्री बीआर साह का कहना है कि वर्ष 1990-1991 में रेल कर्मचारियों की संख्या 16.51 लाख थी, जो 2000-2001 में 15.45 लाख पर आ गई। इसी तरह 2005-2006 की बात करें तो यह आंकड़ा 14.12 लाख और 2015-2016 में 13.31लाख पर आ गया। इसके बाद भी संख्या घटती गई। इसी का नतीजा है कि संख्या 2020-2021 में 12.54 लाख पर रह गई है। जबकि रेल लाइनों का विस्तार, गाड़ियों का परिचालन, माललदान व कार्य का बोझ कई गुना बढ़ गया है।
कार्य का दबाव बढ़ने के कारण कर्मचारियों को मानसिक पीड़ा होती है। पद समर्पण (सरेंडर) से कर्मचारियों की पदोन्न्ति पर भी असर पड़ेगा। आज सभी विभागों में कर्मचारियों की भारी कमी है। उन्होंने मांग है कि पद समर्पण को रोका जाए ताकि कर्मचारियों का मनोबल न टूटे और रेल कार्य प्रणाली में उत्कृष्टता बनी रहे। यदि पद समर्पण नहीं रोका गया तो यूनियन सभी जोन में धरना प्रदर्शन करेगा।