बिलासपुर। Bilaspur Railway News: ट्रेनों की पेंट्रीकार में खाना पकाना महंगा पड़ सकता है। इस तरह की लापरवाही बरतने वाले पेंट्रीकार संचालकों (लाइसेंसी) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसकी जांच करने के लिए रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे को 10 दिन का विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है। इसी के परिपालन में बिलासपुर रेल मंडल ने मंगलवार से अभियान की शुरुआत कर दी है। पहले दिन चार ट्रेनों के पेंट्रीकार की जांच की गई। इसके साथ ही केवल पैकेट बंद सामान ही बेचने की समझाइश दी गई।
यह अभियान चलाने का निर्देश रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे को दिए हैं। दरअसल बोर्ड को पेंट्रीकार में खाना पकाए जाने की शिकायत मिली है। कोरोना संक्रमण के कारण इस पर प्रतिबंध लगा हुआ है। निर्देश है कि पेंट्रीकार से कर्मचारी केवल पैकेट बंद सामान ही बेचेंगे।
इसी के तहत मंगलवार को बिलासपुर स्टेशन से गुजरने वाली चार ट्रेन 02280 हावड़ा-पुणे, 02834 हावड़ा-अहमदाबाद, 02279 पुणे-हावड़ा व 02809 सीएसएमटी-हावड़ा स्पेशल के पेंट्रीकार की औचक जांच की गई। सुबह हावड़ा-पुणे स्पेशल ट्रेन में वाणिज्य प्रबंधक किशोर निखारे ने दबिश दी। अचानक अधिकारी की इस जांच पेंट्रीकार मैनेजर व कर्मचारी सकते में आ गए।
टीम जितने समय तक ट्रेन स्टेशन में खड़ी रही यह खंगालती रही कि कहीं खाना तो नहीं पकता। हालांकि इस तरह की लापरवाही उन्हें नहीं मिली। इसी तरह दूसरी ट्रेनों में हुई जांच के दौरान भी खाना पकाने की पुष्टि नहीं हुई। चारों ट्रेनों में पैकेट बंद नास्ता व खाना ही मिल रहा था। इसके अलावा कोविड प्रोटोकाल के सभी मानकों का पालन भी हो रहा था।
सफाई व अग्निशमन यंत्र की उपलब्धता भी देखी
जांच के दौरान रेलवे की टीम ने पेंट्रीकार की सफाई व्यवस्था का भी निरीक्षण किया। इसके अलावा अग्निशमन यंत्र की उपलब्धता व वैधता की जांच की गई। मैनेजर से लेकर कर्मचारियों को निर्देश दिए गए कि वे कोविड नियमों का पालन करें। मास्क, कैप या दस्ताने के साथ ही पेंट्रीकार के कर्मचारी यात्रियों के पास जाए। ऐसा करना उनके और यात्री दोनों के लिए सुरक्षित है।
अभियान की रिपोर्ट बोर्ड भेजी जाएगी
बोर्ड ने अभियान को बेहद गंभीरता से लेने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही यह भी कहा है कि अभियान के अंत में एक रिपोर्ट बनाकर भेजनी है। इसमें लापरवाह पेंट्रीकार संचालक (लाइसेंसी) पर की गई कार्रवाई का विवरण भी देना है।