बिलासपुर। वर्ष 2023 में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। विधायकों को अब अपने विधानसभा क्षेत्र में अपना खुद का प्रदर्शन दिखाने का समय नजदीक आने लगा है। उनका अपना रिपोर्ट कार्ड कैसा होगा यह अभी से ही जिला योजना मंडल व जिला पंचायत के अधिकारियों ने तय कर दिया है। मतलब साफ है विधायक निधि के तहत होने वाले कामकाज की गति सुस्त है। योजना मंडल व जिला पंचायत के अधिकारियों ने विधायकों की स्वीकृति और सहमति संबंधी फाइलों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया है। बीते चार साल से एक भी फाइल आगे नहीं सरक पाई है। इससे विधायकों की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है।
विधायक निधि फंड पर विधायकों के अलावा क्षेत्र के सरपंचों व चुनिंदा समर्थकों पर लगी रहती है। इससे उन कार्यों को कराया जाता है जिनकी सहमति समर्थकों के अलावा पार्टी के पदाधिकारी देते हैं। इन कार्यों के जरिए विधायकों के साथ ही समर्थक व पदाधिकारी अपनी और पार्टी की पैठ संबंधित गांव या समाज के बीच बनाते हैं। विधायक निधि के तहत गांव में कराए जाने वाले कार्य के पीछे राजनीतिक स्वार्थ छिपा रहता है।
कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की सहमति के आधार पर स्वीकृत किए जाने वाले कार्य के बहाने समाज और संबंधित गांव में राजनीतिक पहुंच और पार्टी की पैठ बनाना प्रमुख उद्देश्य होता है। यही कारण है कि सामाजिक भवनों के अलावा स्वागत द्वार से लेकर समाज के लिए चबुतरा निर्माण और विभिन्न् समाजों के लिए सांस्कृतिक भवनों की स्वीकृति दी जाती है।
जिला योजना मंडल पर अहम जिम्मेदारी
विधायक निधि के तहत कराए जाने वाले कार्य के लिए राज्य शासन ने जिला योजना मंडल को प्रमुख एजेंसी बनाया है। योजना मंडल के जरिए विधायकों की सहमति के आधार पर कराए जाने वाले कार्यों की तकनीकी सर्वेक्षण कराया जाता है। इसके बाद इसे जिला पंचायत भेजा जाता है। जिला पंचायत के माध्यम से एजेंसी तय की जाती है और फिर संबंधित गांव में विकास कार्य के लिए ठेकेदार को वर्क आर्डर जारी किया जाता है।
ये है चार साल का हिसाब
बिलासपुर संभाग के नक्शे में छह जिलों को शामिल किया गया है। इन जिलों में 24 विधानसभा क्षेत्र आते हें। वित्तीय वर्ष 2022-23 में विकास कार्यों के लिए चार करोड़ की राशि प्राप्त हुई। इसके पहले हर साल दो करोड़ स्र्पये मिलता था। वर्ष 2018 -19 से लेकर 2022-23 तक चार वर्ष में 205 करोड़ की लागत से पांच हजार 261 काम स्वीकृत किए गए। इनमें से तीन हजार 526 काम पूर्ण, 898 प्रगति में और 808 काम अभी तक शुरु नहीं हो पाए हैं।
विधायक निधि से होते हैं ये काम
सिसी रोड, अतिरिक्त कमरा, सामुदायिक भवन, रंगमंच जैसे छोटे -छोटे काम स्थानीय विधायकों की सिफारिश पर मंजूर किए जाते हैं। अचरज की बात है कि छोटे-छोटे कार्य भी अब तक अधूरे पड़े हुए हैं।