
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर: बिलासपुर, चांपा और रायगढ़ समेत रेल मंडल के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर छठ पूजा के अवसर पर यात्री बिहार की सोंधी लोकसंस्कृति का अनुभव कर रहे हैं। भारतीय रेलवे ने इस वर्ष यात्रियों के लिए विशेष पहल की है। इसके तहत उद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से पारंपरिक छठ गीतों की गूंज सुनाई दे रही है।
प्लेटफार्म पर ‘कांच ही बांस के बहंगिया’ और मंगिला हम वरदान हे गंगा मइया", "केलवा के पात पर उगेलन सूरुजदेव" जैसे गीतों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। यात्री, ट्रेन के शोर के बीच भी गीतों की मधुर धुन में खोते नजर आए। यह पहल यात्रियों को लोक आस्था और सांस्कृतिक अनुभव का सजीव एहसास करा रही है।
यात्रियों का मन इस समय मंत्रमुग्ध हो उठता है और स्टेशन का माहौल भक्तिमय बन जाता है। यात्रियों, विशेषकर महिला यात्रियों ने इस पहल पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की है। कई महिलाएं छठ गीतों को गुनगुनाते हुए अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करती नजर आईं। इस पहल के माध्यम से न केवल बिहार और उत्तर भारत की सोंधी लोकसंस्कृति का अनुभव होने का अवसर प्राप्त हो रहा है, बल्कि यात्रियों को अपने घर-परिवार और आस्था से भी भावनात्मक रूप से जोड़ने का अनुभव मिल रहा है।
स्टेशन पर छठ गीतों की गूंज ने यात्रियों में उत्साह और श्रद्धा दोनों का संचार किया है। रेल प्रशासन का उद्देश्य यात्रियों को केवल बेहतर सुविधा प्रदान करना नहीं है, बल्कि उन्हें एक सांस्कृतिक और भावनात्मक अनुभव देना भी है। छठ गीतों का उद्घोषणा प्रणाली में प्रसारण भारतीय रेल की इस दिशा में एक नई सांस्कृतिक पहल के रूप में सामने आया है।
यात्रियों के बीच यह पहल अत्यंत लोकप्रिय हो रही है और इससे यह स्पष्ट होता है कि रेलवे केवल यात्रा का माध्यम नहीं, बल्कि लोक संस्कृति और आस्था से जोड़ने वाला प्लेटफार्म भी बन सकता है। इस अनूठी पहल ने स्टेशन की यात्रा को सामान्य यात्रा से बढ़ाकर एक अनुभवमूलक और यादगार अवसर बना दिया है, जिसे यात्री लंबे समय तक स्मरण रखेंगे।
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छठ पर्व के अवसर पर हर साल की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में यात्री अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। भारतीय रेलवे ने उनकी सुविधा के लिए 12,000 से अधिक विशेष ट्रेनों का परिचालन किया है। इसके साथ ही नियमित ट्रेनों में भी अतिरिक्त कोच और सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, ताकि यात्रियों को सुगम और सुरक्षित यात्रा मिल सके। रेलवे ने प्लेटफार्म पर पर्याप्त व्यवस्था, यात्री मार्गदर्शन और आरक्षित सीटों की सुविधा सुनिश्चित की है। इस पहल से यात्रा सहज होने के साथ-साथ त्योहार के अवसर पर घर लौटने वाले यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा भी सुनिश्चित हो रही है।