बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव ने प्रदेशभर के कलेक्टरों को पत्र लिखकर भुइयां पोर्टल के जरिए ही पटवारियों से काम लेने के निर्देश दिए हैं। पत्र में इस बात की भी चेतावनी दी गई है कि शासन के निर्देश की अवहेलना करने वाले पटवारी अनुशासनहीनता के दायरे में आएंगे। उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव ने अपने पत्र में लिखा है कि आम जनता एवं किसानों के हितों के लिए छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता अधिनियम 1959 के प्रविधान अनुरूप साफ्टवेयर में किए जाने वाले कार्य पूरे हों, यह सुनिश्चित किया जाए। छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रविधान अनुसार भुइयां ई-कोर्ट साफ्टवेयर को डिजाइन किया गया है। राजस्व पटवारी संघ के द्वारा भुइयां साफ्टवेयर में तकनीकी समस्याओं का हवाला देकर अभिलेख दुस्र्स्ती नहीं करने की सूचना विभिन्न् माध्यमों से प्राप्त हो रही है।
बीते दिनों किसान एवं आम जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 में प्रविधान अनुसार नामांतरण व खाता विभाजन से संबंधित आवेदन पहले नामांतरण पंजी में दर्ज कर अविवादित प्रकरणों का निराकरण नामांतरण पंजी में करने कहा गया है। प्रकरण के विवादित होने की स्थिति में ही ई-कोर्ट में दर्ज करने की व्यवस्था की गई है। आनलाइन आवेदन करते ही या पंजीयन तारीख को ही साफ्टवेयर जनित पेशी तारीख देने एवं उसके मानिटरिंग संबंधी साफ्टवेयर में परिवर्तन किया गया है।
तकनीकी दिक्कत होने से किया इन्कार
राज्य शासन से प्रदेश भर के कलेक्टरों को जारी पत्र में साफ किया गया है कि वर्तमान में भुइयां साफ्टवेयर में ऐसी कोई तकनीकी समस्या नहीं है कि राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों को अभिलेख दुरुस्ती या शासकीय कार्यों के संपादन में कोई परेशानी आए। इस संबंध में पूर्व में साफ्टवेयर के नए प्रविधान के संबंध में नायब तहसीलदार, तहसीलदार एवं तहसील के डाटा एंट्री आपरेटरों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दिया गया है। उन्हें जिला व तहसील स्तर पर पटवारी, राजस्व निरीक्षक एवं तहसीलदारों को प्रशिक्षण देने को कहा गया था। साथ ही सात दिसंबर 2022 को वीडियो कान्फ्रेंस के द्वारा जिला व तहसील स्तर पर प्रशिक्षण की व्यवस्था करने निर्देशित किया गया है।