नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बिलासपुर में बढ़ती चाकूबाजी की घटनाओं और खतरनाक चाकुओं की खुलेआम व आनलाइन बिक्री को लेकर सख्त रुख अपनाया है। मीडिया में प्रकाशित खबर कि शहर में पान दुकानों, जनरल स्टोर्स और गिफ्ट शाप में 100 से 500 रुपये में डिजाइनर, बटन और फोल्डिंग चाकू बिना किसी पूछताछ के आसानी से खरीदे जा सकते हैं।
कोर्ट ने इस पर स्वतः संज्ञान लेते हुए गृह विभाग के प्रमुख सचिव को पक्षकार बनाया और व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि, ऑनलाइन व खुलेआम ये खतरनाक चाकू कैसे बिक रहे हैं, बेचने और खरीदने वाले दोनों पर कार्रवाई करें।
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, ये बटनदार, डिजाइनर चाकू कोई सब्जी काटने के लिए तो लेता नहीं होगा, इसकी गंभीरता को समझिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि आपके पास आर्म्स एक्ट भी है तो फिर इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।
कोर्ट में पेश रिपोर्ट के अनुसार, बिलासपुर में सिर्फ जनवरी से जुलाई 2025 के बीच चाकूबाजी की 120 घटनाएं दर्ज हुईं। इनमें 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि 122 लोग घायल हुए। कई मामले मामूली कहासुनी या विवाद में भड़ककर हुए। पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत कुछ कार्रवाइयां जरूर कीं, लेकिन हथियारों की आसानी से उपलब्धता ने हालात को और गंभीर बना दिया।
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सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल प्रफुल्ल एन. भारत ने कोर्ट को बताया कि ऐसे खतरनाक चाकू न केवल बाजार में बल्कि आनलाइन प्लेटफार्म पर भी बिक रहे हैं। राज्य सरकार ने आनलाइन बिक्री पर भी कार्रवाई की है, लेकिन पूरी तरह रोकने के लिए सख्त और ठोस रणनीति की जरूरत है। मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी।