छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने पूछा छत्तीसगढ़ी बोली है या भाषा
छत्तीसगढ़ी बोली है या भाषा इस पर भी अभी निश्चयपूर्वक नहीं कहा जा सकता है। छत्तीसगढ़ी महिला क्रांति सेना की प्रदेश अध्यक्ष लता राठौर ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि, एनसीईआरटी के नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क में कहा गया है कि मातृभाषा में यदि बच्चों को पढ़ाया जाता है तो पढ़ाई करने और समझने में आसानी होती है।
Publish Date: Sat, 29 Jun 2024 08:37:47 AM (IST)
Updated Date: Sat, 29 Jun 2024 08:37:47 AM (IST)
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर । छत्तीसगढ़ी भाषा में पहली से आठवीं तक पढ़ाई को लेकर पेश जनहित याचिका को हाई कोर्ट ने निराकृत कर दिया है। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य शासन ने स्थानीय भाषाओं में स्कूली पढ़ाई कराने की व्यवस्था कर दी है।
महिला क्रांति सेना की प्रदेश अध्यक्ष लता राठौर याचिकाकर्ता ने प्रदेश के स्कूल में पहली से आठवीं तक के पाठ्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा को भी माध्यम बनाए जाने की मांग की थी। याचिका में यह भी कहा गया कि जिस तरह अन्य राज्यों में वहां की मातृभाषा मे अध्यापन कराया जाता है। छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी भाषा में क्यों नहीं पढ़ाया जाता।
एनसीईआरटी ने भी तीन भाषा हिंदी ,अंग्रेजी और मातृभाषा की पढ़ाई को मंजूरी दी है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस को शासन की ओर से बताया गया कि राज्य शासन ने 16 प्रकार की स्थानीय भाषाओं में अध्ययन की व्यवस्था की है। इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि देश में अलग-अलग इलाकों में कई प्रकार की बोलियां हैं, इससे तो बहुत परेशानी खड़ी होगी। अब शासन ने पहल कर दी है यह याचिका निराकृत की जाती है।