Chhattisgarh High Court : शासकीय जमुना प्रसाद वर्मा कालेज का खेल मैदान होगा नीलाम
Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का फैसला- देशभर में प्रकाशित कराना होगा विज्ञापन
By Manoj Kumar Tiwari
Edited By: Manoj Kumar Tiwari
Publish Date: Mon, 09 Jan 2023 12:50:25 PM (IST)
Updated Date: Mon, 09 Jan 2023 12:50:25 PM (IST)

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसला में न्यायधानी के प्रतिष्ठित शासकीय जमुना प्रसाद वर्मा कालेज स्थित खेल मैदान को नीलाम करने की अनुमति दे दी है। हाई कोर्ट ने देश भर में विज्ञापन प्रकाशित कर इसका नीलामी विज्ञापन छपवाने के निर्देश दिए हैं।
शासकीय जमुना प्रसाद वर्मा स्नातकोत्तर महाविद्यालय के खेल मैदान के लिए 70 साल पहले ट्रस्ट ने जमीन दान में दी थी। ट्रस्ट ने इसे बेचने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। जरहाभाठा स्थित शासकीय जमुना प्रसाद वर्मा कॉलेज में कला एवं वाणिज्य संकाय की पढ़ाई होती है। कालेज के सामने बिलासपुर- रायपुर नेशनल हाइवे पर 2.38 एकड़ जमीन है। इसे कालेज के विद्यार्थी खेल मैदान के रूप में उपयोग करते है।
उक्त जमीन को शिव भगवान रामेश्वर लाल चैरिटीबल ट्रस्ट ने 70 साल पहले खेल मैदान के रूप में उपयोग करने दान में दिया था।। ट्रस्ट ने खसरा नंबर 107/3 रकबा 0.40 हेक्टेयर व खसरा नंबर 108/3 रकबा 0.9222 हैक्टेयर जमीन का उपयोग खेल मैदान के रूप में हो रहा है। ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने वर्ष 2019 में बिलासपुर एसडीएम कोर्ट में आवेदन पेश किया था। इसकी जानकारी के बाद कालेज खेल मैदान होने के चलते जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ। कॉलेज के छात्रों के अलावा शहर के कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था। जिसके बाद उक्त खेल मैदान को बेचने की अनुमति एसडीएम ने रद कर दिया था।
एसडीएम के फैसले के बाद शिव भगवान चैरिटिबल ट्रस्ट के ट्रस्टी कमल बजाज, चिराग बजाज, अनन्या बजाज ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर खेल जमीन को बेचने की अनुमति देने की मांग की। मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद चंदेल के सिंगल बैंच में हुई। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारीबकर जवाब पेश करने का निर्देश दिया था। शासन ने जवाब पेश नहीं किया। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने जमीन बेचने ट्रस्ट को अनुमति दे दी है।
हाई कोर्ट ने दी ये व्यवस्था
- कॉलेज के प्रवेश के लिए 20 फिट का रास्ता छोड़ना होगा। पार्किंग के लिए भी 25 फिट जमीन छोड़नी होगी।
- कलेक्टर कॉलेज के खेल मैदान के जमीन की कीमत का पहले मूल्याकंन जरायेंगे।
- ट्रस्ट की जमीन को बेचने से पहले पूरे देश में बिडिंग के लिए पेपर प्रकाशन कराना होगा। नीलामी में जो सबसे अधिक बोली लगाएगा उसे खेल मैदान की जमीन बिक्री की जाएगी।
- ट्रस्टी को लेकर आपत्ति
इस मामले में ट्रस्टी परिवार के अन्य सदस्यों (जो वर्तमान में ट्रस्टी नही है) ने भी आपत्ति दर्ज करवाते हुए अदालत को बताया था कि ट्रस्ट के बायलॉज में नियम है कि पिता के रहते पुत्र को ट्रस्टी नही बनाया जा सकता। जबकि इस ट्रस्ट में कमल बजाज ट्रस्टी है और उनका पुत्र चिराग बजाज भी ट्रस्टी है। चिराग बजाज के द्वारा ही ट्रस्ट की जमीन को बेचने के लिए रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट में लगाया था। हाई कोर्ट ने कहा कि वर्तमान में ट्रस्ट की जमीन की बिक्री के लिए अनुमति दी जा रही है। ट्रस्ट में ट्रस्टी कौन कौन होगा इस मुद्दे पर यहां बहस नही हो रही है।