बिलासपुर। Chhattisgarh High Court News: अवैधानिक तरीके से सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें हटाने के आदेश पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। साथ ही एसडीएम व तहसीलदार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। मामला बलरामपुर जिले के कुसमी क्षेत्र की ग्राम पंचायत जेरहुल का है। ग्राम पंचायत जेरहुल में जैमिनी पैकरा आदिवासी महिला के लिए आरक्षित सीट से सरपंच निर्वाचित हुई हैं। सरपंच निर्वाचित होने के बाद वे पूरी निष्ठा के साथ अपना दायित्य पूरा कर रही हैं।
इस बीच 23 जून 2021 को ग्राम पंचायत के कुछ पंचों ने कुसमी के अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष सरपंच के खिलाफ शिकायत कर दी। साथ ही अविश्वास प्रस्ताव लाने का आवेदन दिया। इस पर अुनभाविभागीय अधिकारी ने तहसीलदार को सात जुलाई 2021 को अविश्वास प्रस्ताव लाने का आदेशि दिया। इस पर ग्राम सभा आयोजित कर तहसीलदार द्वारा मनमाने व अवैधानिक तरीके से सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित कर दिया।
इस अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ सरपंच जैमिनी पैकरा ने अपने अधिवक्ता एएन भक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर की। इसमें बताया गया कि अनुभाविगीय अधिकारी ने पंचायती राज अधिनियमों का पालन किए बिना ही अविश्वास प्रस्ताव पारित करने का आदेश जारी कर दिया है। इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है।
याचिकाकर्ता सरपंच के खिलाफ किसी तरह की अनियमितता संबंधी कोई शिकायत नहीं मिली है। फिर भी उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई करते हुए सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। साथ ही प्रकरण में एसडीएम व तहसीलदार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने कहा है।