नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर: राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों पर बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं, फ्लाई ऐश और कोल डस्ट से हो रही परेशानी के मामले में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए बुधवार को सख्त रुख अपनाया। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति रविन्द्र कुमार अग्रवाल की युगल पीठ ने राज्य शासन, एनटीपीसी और एसईसीएल को फटकार लगाई।
अदालत ने कहा कि, जनता के जीवन की कीमत पर आप राजस्व नहीं कमा सकते। नियमों का पालन अनिवार्य है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य के विकास में उद्योगों की अहम भूमिका है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि आम जनता की जान-माल की सुरक्षा खतरे में डाली जाए। नियमों का पालन सुनिश्चित करें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट में बताया गया कि मुंगेली जिले के सरगांव में राष्ट्रीय राजमार्ग के पास शराब दुकान संचालित हो रही है। वहीं, ढाबा संचालन भी 500 मीटर के दायरे में पाया गया है। शासन की ओर से महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने जानकारी दी कि शराब दुकान को विस्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है। ढाबा संचालक को नोटिस जारी किया गया है। वर्षा के कारण कार्रवाई में विलंब हो रहा है।
इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि, सड़क दुर्घटनाएं लगातार हो रही हैं और आप कह रहे हैं कार्रवाई प्रक्रिया में है। सड़कें अंधेरी हैं, निर्माण तो किया लेकिन प्रकाश व्यवस्था नहीं की। ऐसा व्यवहार नहीं चलेगा।
एसईसीएल द्वारा बेचे गए कोयले के परिवहन के दौरान उड़ रहे डस्ट और इससे आमजन को हो रही परेशानी पर अदालत ने तीखी प्रतिक्रिया दी। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने कहा कि, आपका रवैया ऐसा है कि हम कोयला बेचते हैं, बाकी ट्रांसपोर्टर जाने। यह तो उसी तरह है जैसे शराब बेचने वाला कहे कि हम तो शराब बेचते हैं, पीने वाला जाने। अदालत ने कहा कि, यदि कोयले का ट्रांसपोर्टिंग ऐसे ही होता रहा तो उसे बंद करा दिया जाएगा। आप कोल उत्पादक हैं, तो जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते।
एनटीपीसी द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र पर भी कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि, आप संयंत्र चला सकते हैं, लेकिन आम नागरिकों की सेहत से खिलवाड़ नहीं चलेगा। हलफनामा दिखावा प्रतीत होता है। अदालत ने निर्देश दिया कि एनटीपीसी नए सिरे से शपथ पत्र पेश करे और उठाए गए सुधारात्मक उपायों का स्पष्ट ब्यौरा दें।
कोर्ट ने एसईसीएल को यह भी याद दिलाया कि हाल ही में एक मर्डर की घटना माइनिंग एरिया में हुई थी, जो ट्रांसपोर्टरों की आपसी लड़ाई का नतीजा है। अदालत ने कहा कि आप कह रहे हैं माइनिंग एरिया में सब नियंत्रण में है, जबकि 15 लोगों पर एफआइआर दर्ज हो चुकी है।