नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के छोटे से शहर पेंड्रा से निकलकर अंतरिक्ष की ऊंचाइयों को छूने जा रहे हैं राजशेखर पैरी। अमेरिका की अग्रणी निजी एयरोस्पेस कंपनी टाइटंस स्पेस इंडस्ट्रीज ने अपने पहले मानव मिशन के लिए उन्हें एकमात्र भारतीय प्रतिनिधि के रूप में चयनित किया है। यह चयन न सिर्फ उनके व्यक्तिगत जीवन में एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि भारत और वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय के लिए भी गर्व का विषय है।
30 वर्षीय राजशेखर वर्तमान में यूके स्थित आर्बिटालाकर में प्रोजेक्ट मैनेजर (इंजीनियरिंग) के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने आक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल, पेंड्रा रोड से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और फिर हैदराबाद से 11वीं-12वीं की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (रक्षा मंत्रालय) में कार्य अनुभव प्राप्त किया। उच्च शिक्षा के लिए वे यूके गए, जहां उन्होंने एयरोस्पेस प्रणोदन में स्नातकोत्तर किया।
राजशेखर का चयन यूं ही नहीं हुआ। इससे पहले उन्होंने चंद्र मिशन की तैयारियों में हिस्सा लिया और एनालाग स्पेस हैबिटेट्स (कृत्रिम अंतरिक्ष निवासों) में जीवन जीने की कठिन ट्रेनिंग प्राप्त की। उन्होंने कम्प्यूटेशनल फ्लूइड डायनेमिक्स में इंटर्नशिप भी की, जो अंतरिक्ष अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। टाइटंस स्पेस इंडस्ट्रीज के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के तहत राजशेखर को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। वह सिर्फ लो-अर्थ आर्बिट ही नहीं, बल्कि उससे आगे के अंतरिक्ष प्रयोगों में भी हिस्सा लेंगे।
राजशेखर पैरी का जन्म बिलासपुर (अविभाजित गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला) जिले में हुआ और प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने पेंड्रा रोड के आक्सफोर्ड स्कूल से 5वीं से 10वीं तक की पढ़ाई की। उनकी यह यात्रा आज करोड़ों युवाओं को प्रेरणा दे रही है कि छोटे शहरों से भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं।
चयन के बाद राजशेखर ने कहा कि यह सिर्फ मेरी व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि भारत और दुनियाभर के युवाओं के लिए एक संदेश है। अब अंतरिक्ष की दौड़ में निजी कंपनियां वैश्विक प्रतिभाओं को अवसर दे रही हैं। यह हमारे जैसे इंजीनियरों और छात्रों के लिए नया युग है।