बिलासपुर। Chhattisgarh: कहा जाता है जिस क्षेत्र से कर्क रेखा गुजरती है वहां गर्मी तेज पड़ती है पर उत्तरी छत्तीसगढ़ के कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर जिले से झारखंड तक गुजरी करीब 140 किलोमीटर की कर्क रेखा का कोई असर यहां नहीं है। विज्ञानियों एवं मौसम के जानकारों का कहना है कि जंगल, पहाड़ व हरियाली के कारण इस इलाके में कर्क रेखा की तपिश कम हो जाती है। इधर मध्यप्रदेश और झारखंड में ठीक इसके विपरीत स्थिति है। इन दोनों राज्यों में गुजरी कर्क रेखा के कारण अप्रैल आए जून के महीने में गर्मी तेज पड़ती है। कोरिया से बलरामपुर जिले तक कर्क रेखा के गुजरने के पथ की जानकारी लोगों तक पहुंचाने तीनों जिलों में "यहां से गुजरती है कर्क रेखा" का बोर्ड लगा है, जो आते-जाते लोगों को सामान्य ज्ञान का बोध करा रहा है। बलरामपुर जाते वक्त पस्ता के पास लोगों को यह बोर्ड नजर आता है।
सूरजपुर जिले में है दो रेखाओं का कटान बिंदु
प्रो.अनिल सिन्हा के मुताबिक अक्षांश रेखा ही कर्क रेखा मानी गई है। जब हम पृथ्वी का नक्शा देखेंगे तो इसमें छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली कर्क रेखा और खड़ी रेखा यानी देशांतर रेखा का कटान बिंदु सूरजपुर जिला है। देशांतर रेखा को भारतीय मानक समय रेखा माना गया है।
खास है 21 जून का दिन
वर्ष में एक बार 21 जून को सूर्य ठीक कर्क रेखा के ऊपर होता है। यह दिन वर्ष का सबसे लंबी अवधि का दिन होता है जब सूर्य की किरणें धरती पर 90 अंश यानी बिल्कुल सीधी होती हैं जिससे उस दिन हमारी परछाईं प्रायः लुप्त हो जाती हैं। इस कारण से ही 21 जून को 'नो शेडो डे' भी कहा जाता है।
भूमध्य रेखा में स्थित है छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ भूमध्य रेखा के उत्तरी अक्षांश पर स्थित है और यहीं से 23.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश से काल्पनिक कर्क रेखा गुजरी है जो बलरामपुर, सूरजपुर और कोरिया जिले को पार करते हुए मध्यप्रदेश की ओर चली गई है। जानकारों के अनुसार भूमध्य रेखा पर सूर्य की किरणें तेज होती हैं और इसी कारण जब पृथ्वी घूमते हुए इस रेखा के समानांतर आती है उस इलाके में गर्मी बढ़ जाती है।
- प्रो.अनिल सिंह, भूगोलविद
भौगोलिक कारणों से अपेक्षाकृत गर्मी कम
सरगुजा संभाग में वनमण्डल की अधिकता एवं पहाड़ी इलाका होने के साथ समुद्र तल से यहां की ऊंचाई अधिक है। इसी के कारण यहां कर्क रेखा पर पाई जाने वाली गर्मी की प्रचंडता का सामान्य रूप से प्रभाव नहीं पड़ता। कर्क रेखा के आसपास के भागों में तापमान उच्च रहता है। गर्मी के दिनों में इस रेखा के आसपास तापमान 45 से 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। कर्क रेखा के ऐसे क्षेत्र जो पठार या पहाड़ों के साथ वनों से भरे हुए हैं वहां भौगोलिक कारणों से वातावरण अपेक्षाकृत कम गर्म होता है।
- एएम भट्ट, मौसम विज्ञानी