बिलासपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
पेंड्रा-हर्री रेलवे स्टेशन के बीच 68740 बिलासपुर- शहडोल मेमू दुर्घटनाग्रस्त होने से बच गई। किमी 823/ 3-5 के पास पटरी टूट गई थी। अचानक चॉबीदार की नजर पड़ी। इस बीच मेमू आ रही थी। उन्होंने पटरी पर डेटोनेटर रखकर और लाल झंडी दिखाकर ट्रेन को रोका। चॉबीदार की इस सतर्कता के कारण यात्रियों की जान बच गई।
घटना सुबह नौ बजे के करीब की है। मौसम में उतार-चढ़ाव का असर लगातार पटरी पर पड़ रहा है। इसके चलते पटरी सिकुड़कर टूट रही है। रेलवे की मुस्तैदी का नतीजा है कि उस समय ऑन ड्यूटीरत चॉबीदार प्रेमलाल ध्रुव ने जांच के दौरान टूटी पटरी को देख लिया। इस दौरान इस पटरी से मेमू गुजरने वाली थी। वह लाल झंडी और डेटानेटर लेकर तेजी से जिस तरफ से ट्रेन आ रही थी उस ओर भागा। उसने सबसे पहले डेटोनेटर को रखा। उसके बाद लाल झंडी लगा दी। डेटोनेटर एक तरह का पटाखा है। इस पर पहिए का दबाव पड़ते ही तेजी से फूटता है। चालक को यह भी मालूम होता है कि इसका इस्तेमाल तभी होता है जब खतरा है। चालक को पटाखे की आवाज आई। इसके बाद वह सतर्क हो गया। थोड़ी दूर आगे उसकी नजर लाल झंडी पर पड़ गई। वह समझ गया कि आगे खतरा है। लिहाजा उसने बड़ी सावधानी से ट्रेन रोक दी। अचानक ट्रेन खड़े होते ही यात्री भी सकते में आ गए। बाद में जब उन्हें फ्रैक्चर की जानकारी मिली तो सभी ने राहत की सांस ली। इसके बाद इंजीनियरिंग विभाग को सूचना दी गई। खबर मिलते ही अमला मौके पर पहुंचा और टूटी पटरी की मरम्मत में जुट गया। टूटी हुई पटरी के दोनों तरफ लोहे का प्लेट लगाकर ट्रैक का सुधार किया गया। इसके बाद ट्रेन गंतव्य के लिए रवाना हुई। करीब एक घंटे तक ट्रेन लेट हुई।
30 केएमपीएच से चली ट्रेनें
पटरी की मरम्मत तो कर ली गई। लेकिन पटरी की स्थिति को देखते हुए 30 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनों को चलाने के निर्देश दिए गए। इसके बाद की सभी ट्रेनें इतनी गति से गुजरी। बाद में नई पटरी लगाई जाएगी ताकि दोबारा टूटे स्थान पर फिर रेल फ्रैक्चर न हो।
रेलकर्मियों को प्रेरित करने सोशल मीडिया पर साझा
रेल फ्रैक्चर में परिचालन से ट्रेन की बेपटरी होने का खतरा रहता है। चॉबीदार ने चालाकी का परिचय देते हुए ट्रेन को हादसे से बचा लिया। यह बड़ी बात है। यही वजह है कि रेल प्रशासन ने घटना को सोशल मीडिया पर साझा करने कहा है ताकि दूसरे रेलकर्मी प्रेरित हों और कभी भी इस तरह नौबत आए तो वह इसी तरह सतर्कता का परिचय दिया जाए। रेल प्रशासन चॉबीदार को सम्मानित करने का निर्णय लिया है।