नईदुनिया न्यूज, बिलासपुर। पुराना हाईकोर्ट रोड स्थित संचालित होने वाले सिद्वि विनायक कोचिंग, काम्पीटिशन लाइब्रेरी, कम्यूनिटी अकादमी के साथ ही प्रीमियम अकादमी को सील कर दिया गया है। ये संस्थान पूरी तरह से मापदंड के खिलाफ संचालित होते पाए गए। यहां पर न तो बच्चों की सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था मिली और न ही फायर सेफ्टी फीचर पाया गया। पूरी तरह से बंद कमरे में एक साथ 100 से ज्यादा बच्चों को कोचिंग देने का काम किया जा रहा है। यदि ऐसे में कुछ घटना हो जाए तो, इसके बड़े ही गंभीर परिणाम सामने आएंगे। इन बातों को ध्यान में रखते हुए ही जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम ने चारो सेंटर को सील करने की कार्रवाई की है।
शहर में तीन दर्जन से ज्यादा बड़े कोचिंग सेंटर संचालित हैं, जो सीधे रूप से कोचिंग के नाम पर छात्र-छात्राओं से फीस के रूप में मोटी रकम वसूलते हुए महज कमाई कर रहे हैं। इस संस्थान के संचालकों व शिक्षकों को बच्चों की कोई भी चिंता नहीं है। इसी वजह से ये बिना सुरक्षा मापदंड के ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं। यदि कभी भी किसी प्रकार की घटना होती है, तो इसका खामियाजा बच्चों को ही भुगतना पड़ेगा। अब इन बातों को गंभीरता से लिया गया है। इसी को लेकर शुक्रवार की शाम को एसडीएम पीयूष तिवारी और नगर निगम के अपर आयुक्त खंजाची कुम्हार के नेतृत्व में जिला प्रशासन और अतिक्रमण विरोधी दस्ता की टीम ने कोचिंग सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई की। जांच के दौरान तमाम तरह की खामियां पाई गई। जांच के दौरान यह भी देखने को मिला कि जिस हाल में बच्चों को पढ़ाया जा रहा था, वह चारों तरफ से बंद है। निकलने का एकमात्र दरवाजा रहा। साफ है कि कुछ घटना होती है, तो बच्चे इसी कमरे में फंस जाएंगे, जिसके परिणाम गंभीर आएगा। साथ ही इन सेंटरों में फायर सेफ्टी सिस्टम नहीं मिला। यहां तक कि सुरक्षा का भी इंतजाम नहीं मिला। पार्किंग तक की व्यवस्था नहीं रही। वहीं नगर निगम से भवन अनुज्ञा भी नहीं लिया गया। इस तरह की और भी खामियां मिली। ऐसे में तत्काल चारो संस्थानों को सील कर दिया गया।
एसडीएम हुए नराज भड़के
एसडीएम पीयूष तिवारी कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे थे। जब गांधी चौक के पास सिद्वि विनायक कोचिंग सेंटर पहुंचे और देखा कि एक बड़े हाल में लगभग 100 बच्चें को कोचिंग कराई जा रही है। जहां पूरा हाल बंद मिला। खिड़कियों को भी प्लाई से बंद कर रखा गया था। बाहर जाने के लिए एक छोटा सा दरवाजा है। दरवाजा खुलते ही लोहे की पतली सीढ़ी से नीचे उतरना रहता है। इस तरह की अव्यवस्था देखकर एसडीएम नाराज हो गए और इसी दौरान कहा कि सभी खिड़कियां खुली रहनी चाहिए और बाहर निकलने के लिए आपातकाली द्वार की सुविधा होनी चाहिए। यहां तो पढ़ाई के नाम पर बच्चों की जान खतरे में डालने का काम किया जा रहा है। अब ऐसा बिलकुल भी नहीं चलेगा।
मिली ये खामियां
- काम्पिटिशन कम्यूनिटी सेंटर
एक बड़े हाल में बच्चों को पढ़ाया जा रहा था। इस दौरान कम से कम 40 से 50 स्टूडेंट मिले। जांच में लोहे की पतली सीढ़ी मिली। हाल चारों तरह से बंद मिला। फायर सेफ्टी फीचर नहीं मिला, पार्किंग भी सही नहीं मिली। भवन अनुज्ञा के कागज भी नहीं मिले।
- प्रीमियम अकादमी
फायर सेफ्टी सिस्टम का अभाव। हाल चारों तरफ से बंद मिला। सुरक्षा के कोई भी इंतजाम नहीं थे। पार्किंग सहीं नहीं होना पाया गया। वहीं भवन अनुज्ञा के कागज भी नहीं मिले।
- सिद्वि विनायक कोचिंग सेंटर
सेंटर पूरी तरह से मापदंड के खिलाफ संचालित हो रहा था। यह एक भी ऐसी सुविधा या जरूरी कार्य नहीं किए गए है, जिससे स्टूडेंट को फायदा मिले। किसी भी प्रकार के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था।
- कम्यूनिटी अकादमी
इस अकादमी में भी सुरक्षा व फायर सेफ्टी फीचर नहीं मिला। वहीं बंद हाल में पढ़ाई कराई जा रही थी। पार्किंग नहीं मिली।