
Bilaspur News: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में नवंबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। 14 अप्रैल को संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की जन्म दिवस है। चुनावी वर्ष में संविधान निर्माता की जयंती मनाने के लिए राजनीतिक दलों में होड़ सी मची रही। सत्ताधारी दल कांग्रेस के अलावा प्रमुख विपक्षी दल भाजपा व उनकी मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सक्रियता देखते ही बनी। भाजपा ने स्थापना दिवस छह अप्रैल को ही 14 अप्रैल तक समरसता दिवस मनाने का ऐलान कर दिया था। राजनीतिक दलों की पूरी कवायद राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाताओं को राजनीतिक रूप से अपने पाले में करने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीट है। आरक्षण पर नजर डालें तो 29 विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए और 10 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। बिलासपुर,मुंगेली और गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के नजरिए से देंखे तो बिलासपुर जिले के अंतर्गत आने वाले छह विधानसभा क्षेत्र में मस्तूरी विधानसभा को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है। इसी तरह मुंगेली जिले के नक्शे पर शामिल दो में से एक सीट मंंुगेली विधानसभा को अनुसूचित जाति वर्ग के लिए रखा गया है। दोनों ही सीट पर वर्तमान में भाजपा के विधायक काबिज हैं। मस्तूरी से डा कृष्णमूर्ति बांधी और मुंगेली से पुन्न्ूलाल मोहले। एकमात्र विधानसभा सीट वाले गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के मरवाही विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है। उपचुनाव में कांग्रेस के डा केके ध्रुव ने भाजपा उम्मीदवार को पराजित किया है। वर्ष 2000 में हुए उपचुनाव से यह सीट जोगी परिवार के कब्जे में रहा है। संयोग ही कहा जा सकता है कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद रिक्ट हुए सीट पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है। बिलासपुर व मुंगेली जिले में आरक्षण के नजरिए से देखें तो अजा वर्ग के लिए दो सीटें हैं। बिलासपुर,बिल्हा,तखतपुर व बेलतरा विधानसभा क्षेत्रों में इस वर्ग की बहुलता को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जिले के अमूमन सभी विधानसभा में ये चुनाव के दौरान प्रभावी भूमिका में नजर आते हैं। बहुजन समाज पार्टी के प्रतिबद्ध मतदाताओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। चुनाव में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहने और निभाते आने के कारण ही शुक्रवार को डा आंबेडकर जयंती के अवसर पर राजनीतिक दलों की सक्रियता देखते ही बनती थी। सत्ता से लेकर विपक्षी दलों के साथ ही क्षेत्रीय दलों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने अपने अंदाज में जयंती मनाई।
भाजपा ने सेवा सप्ताह की कर दी थी घोषणा
छह अप्रैल को भाजपा ने अपनी स्थापना दिवस मनाया। इस दिन ही 14 अप्रैल तक सेवा सप्ताह मनाने की घोषणा कर दी थी। सेवा सप्ताह के अवसर पर भाजपा ने अपने अनुषांगिक संगठनों को भी अलग-अलग मोर्चें पर लगा रखा था। महिला मोर्चा के बैनर तले अजा बहुल इलाके में सहभोज का आयोजन किया गया था। भाजपाई रणनीतिकारों की पूरी कोशिश वर्ग विशेष के मतदाताओं को रिझाने की रही।
आरएसएस की सक्रियता चर्चा में रही
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की सक्रियता आज पूरे दिन चर्चा में रही। संघ के दिग्गज पदाधिकारियों से लेकर स्वयंसेवक छत्तीसगढ़ स्कूल परिसर में एकत्रित हुए। वहां से रैली की शक्ल में बिलासा कन्या महाविद्यालय के सामने स्थित डां आंबेडकर की प्रतिमा के पास पहुंचे। पदाधिकारियों ने प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। श्रद्धासुमन अर्पित किए। साथ ही उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर अपने विचार भी रखे। डा पूर्णेंदु भट्ट ने कहा कि डा अंबेडकर जी ने संपूर्ण भारत के लिए सामाजिक समरसता के मानदंड स्थापित किया और समाज के शोषित वंचितों को मान सम्मान दिलाया। डा साहब ने समाज को एक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और संविधान के माध्यम से महिलाओं के हितों की रक्षा की।
इनकी रही उपस्थिति
विभाग सह संघचालक डा विनोद तिवारी, प्रांत सह शारीरिक शिक्षण प्रमुख विश्वास जलताड़े, विभाग प्रचारक गणेश,विभाग कार्यवाह गणपति रायल,जिला संघ चालक बसंत अंचल, जिला सह संघ चालक प्रदीप शर्मा,नगर कार्यवाह तारणीस गौतम,सह नगर कार्यवाह सौरभ वर्तक, नगर शारीरिक शिक्षण प्रमुख रत्नेश यादव,नगर सह सामाजिक समरसता प्रमुख हर्षवर्धन भोसले,नगर बौद्धिक प्रमुख माधव मिश्रा।