कोरबा।Corona Effect In Korba: शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों का असर अब रोजगार गारंटी योजना में पड़ने लगा है। बीते वर्ष जहां प्रवासी मजदूरों की वापसी से मई माह में रोजगार गारंटी में 84 हजार मजदूर मजदूर काम कर रहे थे। वहीं इस वर्ष मात्र 36 हजार मजदूर ही काम कर रहे हैं। 98 गांवों में कंटेनमेंट जोन बनाए जाने के कारण असंक्रमित भी काम में नहीं आ पा रहे हैं।
लाक डाउन को आर्थिक तंगी से जूझ रहे मजदूरों रोजगार गारंटी में काम करना तो चाहते हैं लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण से बनाए गए कंटेनमेंट जोन ने मजदूरों की राह रोक दी है। जिले के 412 ग्राम पंचायतों में 98 ऐसे ग्राम पंचायत हैं जहां संक्रमण बढ़ने के कारण कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है।
सबसे अधिक प्रभावित ब्लाक में पोड़ी उपरोड़ा और पाली शामिल हैं। इसके अलावा शहर के निकटवर्ती गांव भी अधिक प्रभावित हैं। वर्तमान में 630 जगहों में काम चल रहा है, जिनमे 36 हजार मजदूर काम कर रहे हैं। मई माह में कृषि कार्य नहीं होने से अधिक से अधिक मजदूर रोजगार गारंटी में काम करने आते हैं। बढ़ते संक्रमण ने मजदूरों के लिए समस्या खड़ी कर दी है।
तेंदूपत्ता संग्रहण से भी होना पड़ रहा वंचित
कुछ फड़ों तेंदू पत्ता तोड़ने का काम भी शुरू हो चुका है। जिसका भी असर मजदूरों की उपस्थिति में देखी जा रही है। यह असर आने वाले 15 दिनों तक जारी रहेगा। छह मई से अधिकांश फड़ में तेंदू पत्ता संग्रहण शुरू हो जाएगा। वे मजदूर जो वर्तमान मे कंटेनमेंट जोन में हैं, उन्हें तेंदू पत्ता संग्रहण से भी वंचित होना पड़ेगा।
70 करोड़ के कार्य हैं स्वीकृत
जिले में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए मनरेगा में 70 करोड़ के कार्य स्वीकृति किए गए हैं, इनमे 20 करोड़ के कार्य पिछले वर्ष के शेष हैं। इन दिनों ज्यादातर तालाब गहरी करण, भू समतली करण से संबंधित काम चल रहे हैं। कार्य स्थल में शारीरिक दूरी और मास्क अनिवार्य किया गया है।
इन्होंने कहा
रोजगार गारंटी योजना के तहत 36 हजार मजदूर काम कर रहे हैं। कोरो ना संक्रमण के चलते पंचायतों में बनाए गए कंटेनमेंट जोन के कारण मजदूर कार्य स्थल में नहीं आ रहे। कार्य स्थल में कॉविड नियम का पालन किया जा रहा है।
संदीप डिक्सेना, परियोजना अधिकारी, मनरेगा