Bilaspur News: बिलासपुर।दशम अपर सत्र न्यायायाधीश ने चोरी की मुख्य आरोपित की जमाने आवेदन को खारिज जर दिया है। रतनपुर पुलिस ने भादवि की धारा 454, 380, 120 (बी), 414 भारतीय दण्ड संहिता के तहत रुखमणी साहू, पति रामलाल साहू के खिलाफ जुर्म दर्ज कर जेल भेज दिया है। जेल में बंद आरोपित ने सत्र न्यायाधीश, बिलासपुर के समक्ष जमानत आवेदन पेश की थी। कोर्ट ने धारा 439 दं0 प्र0 सं0, आरक्षी केन्द्र सिविल लाईन, जिला बिलासपुर के अपराध क्र. 504 / 23, अंतर्गत धारा - 454, 380, 120 (बी), 414 भारतीय दण्ड संहिता से संबंधित केस डायरी पेश करने का निर्देश दिया था। अभियुक्ता की ओर से प्रस्तुत आवेदन पत्र एवं शपथ पत्र की कंडिका- 03 एवं 02 में यह व्यक्त किया गया है कि यह उसका प्रथम जमानत आवेदन पत्र है, इसके अतिरिक्त इस आशय का अन्य कोई जमानत आवेदन पत्र सत्र न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में न तो प्रस्तुत लंबित है और न ही निराकृत किया गया है। तदाशय का शपथ पत्र आवेदक के पुत्र राकेश साहू के द्वारा प्रस्तुत किया गया है। अभियुक्ता की ओर से पेश आवेदन में कहा है कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं किया है।
मेमोरेण्डम कथन में उसका नाम न होने पर भी उसे मामले में अभियुक्त बनाया गया है। उसका पूर्व का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है। मामले के लगभग सभी अभियुक्त गिरफ्तार हो चुके हैं और विवेचना भी पूर्ण हो चुकी है। उसकी बहन प्रार्थिया पर दबाव बनाया जा रहा है कि मामले में प्राप्त 12 लाख रुपये की राशि को अपना होना स्वीकार कर ले। जिसका विरोध उसने किया था, इस कारण उसे झूठा फंसाया गया है। पुलिस अभियुक्तों को फंसाकर मामला निराकृत करना चाहती है । विचारण में समय लगने की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
नहीं करेगी गवाहों को प्रभावित
जिले का स्थायी निवासी होने से उसके फरार होने या साक्षियों को प्रभावित करने की असंभावना तथा समस्त आदेशों एवं शर्तों का पालन करने एवं सक्षम जमानतदार पेश करने हेतु तत्पर होने के आधार पर जमानत पर रिहा किये जाने का निवेदन किया गया है। अनावेदक शासन की ओर से अपराध की गंभीरता के आधार पर जमानत आवेदन का विरोध किया गया।
ये है मामला
सरोजनी साहू के अभिषेक नगर मंगला बिलासपुर स्थित मकान के कमरे का ताला तोड़कर आलमारी में रखे नगदी रकम 20 हजार रुपये., सोने का दो झुमका, सोने के दो हार, एक मंगलसूत्र, दो करधन, दो पायल और कुछ जरुरी दस्तावेज की चोरी कारित किया । उक्त घटना के संबंध में अपराध दर्ज कर विवेचना किए जाने पर पतासाजी के दौरान मुखबिर की सूचना के आधार पर यह ज्ञात हुआ कि आवेदिका अभियुक्ता रुखमिणी साहू, जो कि प्रार्थिया की बहन है, के द्वारा बताया गया कि उसकी बहन के घर बहुत पैसा है तथा सोने व चांदी के जेवर भी रखी है, तब अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर सुनियोजित रीति से चोरी करने की योजना बनाई गई एवं अभियुक्त सोमेश की मोटरसायकल को मांगकर उसे घटना कारित करने में प्रयोग किया । उक्त संबंध में आवेदिका अभियुक्ता एवं अन्य आरोपीगण के विरुद्ध अपराध क्र. 504 / 23, अंतर्गत धारा 454, 380, 120 (बी), 414 भारतीय दण्ड संहिता का दर्ज कर अपराध विवेचनाधीन है।
कोर्ट ने जमानत आवेदन किया खारिज
माँके की सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि केस डायरी के अवलोकन से आवेदिका अभियुक्ता प्रकरण की मुख्य षड़यंत्रकर्ता आरोपिया है। इस आवेदिका द्वारा ही प्रकरण के शेष आरोपीगण शिवनारायण, शिवदीप तिवारी के साथ योजना बनाकर उक्त घटना को अंजाम दिया गया है। प्रकरण में अन्य आरोपी शिवनारायण कश्यप आज दिनांक तक फरार है। आवेदिका द्वारा स्वयं अपनी बहन के घर अपराध कारित कराया गया है। योजनाबद्ध तरीके से षड़यंत्र में सम्मिलित होकर अपराध कारित कराया गया है जो कि आवेदिका की दूषित मानसिकता को दर्शित करता है। इसके अतिरिक्त धारा 457 भा. दं.सं. मं यदि अपराध चोरी का है तो वह 10 वर्ष तक के कारावास से दण्डनीय है। धारा- 120 (बी) भा.दं.सं. का अपराध भी 10 वर्ष तक के कारावास से दण्डनीय है।
बहन के साथ किया विश्वासघात
आवेदिका द्वारा अपनी बहन के ही घर में चोरी का उक्त कृत्य किया गया जिससे अपनी बहन के प्रति भी घोर विश्वासघात किया जाना दर्शित होता है तथा आवेदिका द्वारा वैश्वासिक संबंधों में अपराध कारित किया गया है। विवेचना अपूर्ण है तथा एक आरोपी फरार है। मात्र महिला होने के आधार पर धारा 437 (ए) दं.प्र.सं. के परन्तुक का लाभ प्रकरण की परिस्थितियों में दिया जाना न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है। फलस्वरूप उभय पक्षों के तर्कों का गहराई से मनन करने के उपरांत अपराध की प्रकृति, अपराध में आवेदिका की भूमिका एवं प्रकरण के तथ्यों व समस्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए आवेदिका अभियुक्ता को जमानत का लाभ दिया जाना न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है, अतः उसकी ओर से प्रस्तुत जमानत आवेदन पत्र अंतर्गत धारा 439 दं.प्र.सं. अस्वीकार कर निरस्त किया जाता है।