नईदुनिया न्यूज, बिलासपुर। शिकार व हत्या के 132 आरोपितों को सलाखों के पीछे पहुंचाना वाला अचानकमार टाइगर रिजर्व का स्निफर डॉग नेरो ने शनिवार को अंतिम सांस ली। डेढ़ महीने पहले यहां के दूसरे स्निफर डॉग सिम्बा की मृत्यु हो गई थी। आठ साल की सेवा देने के बाद नेरो फरवरी 2023 में रिटायर हुआ था।
इसके बाद से प्रबंधन शिवतराई कैंपस में रखकर देखभाल कर रहा था। उम्रदराज नेरो डॉग की दो दिन से तबीयत ठीक नहीं थी। रविवार को अधिकारी की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार किया गया।
अपराध नियंत्रण व अपराधियों को पकड़ने के लिए अचानकमार टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने हैदराबाद से दो डॉग खरीदे थे। बिलासपुर लाने के बाद दोनों को ग्वालियर के टेकनपुर स्थित नेशनल ट्रेनिंग सेंटर फॉर डॉग में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया। उनके साथ दो वनकर्मी भी हैंडलर की ट्रेनिंग के लिए गए।
10 माह प्रशिक्षण के बाद अक्टूबर 2016 में नेरो व सिम्बा की अचानकमार टाइगर रिजर्व में पोस्टिंग हुई। आठ साल सेवा देने के बाद दोनों एक साथ फरवरी 2023 में रिटायर हो गए। विभाग में उनके योगदान को देखते हुए प्रबंधन ने निर्णय लिया कि अंतिम सांस उनकी देखभाल की जाएगी। लेकिन, डेढ़ महीने पहले सिम्बा चल बसा। उसके जाने के बाद नेरो रह गया।
बताया गया कि उम्रदराज नेरो दो-तीन दिन से ठीक से खाना नहीं खा रहा था। शनिवार को उसे अचानक दो बार उल्टी की और इसके बाद नेरो की सांसें थम गईं।
पुलिस के लिए भी था मददगार
नेरो वन विभाग के अलावा पुलिस के लिए भी मददगार था। उसने पुलिस विभाग में दर्ज मर्डर व चोरी के छह प्रकरण को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।