नईदुनिया प्रतिनिधि बिलासपुर। बढ़ती जागरूकता के बीच साइबर ठगी का तरीका भी काफी बदलता जा रहा है। लोग साइबर से बचने ओटीपी व अन्य उपाय को अपना रहे तो दूसरी तरफ साइबर ठग अब लोगों को सीबीआइ व ईडी अधिकारी बन डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का नया पैतरा शुरू कर दिया है। जालसाज ठगी करने कोई नई तकनीक नहीं बल्कि लोगों के डर व नासमझी को ही अपना हथियार बना कर साइबर अरेस्ट का खेल खेल रहे हैं।
पुलिस अधिकारियों की माने तो ईडी या सीबीआइ फोन पर सूचना नहीं देती वह सीधे दबिश देती है। सीबीआइ या ईडी या फिर किसी भी राष्ट्रीय या लोकल पुलिस अधिकारी का फोन आने पर तत्काल संबंधित थाने को पहले सूचना दें। रुपये का लेनदेन किसी भी स्थिति में न करें यह आपकी सेविंग के लिए घातक हो सकता है।
ये हुए डिजिटल अरेस्ट का शिकार
केस नं. 1- डाक्टर विशाखा डे जांजगीर-चांपा में स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं। साइबर ठगों ने मनी लांड्रिंग व पार्सल में ड्रग्स भेजने का झांसा देकर 60 लाख की धोखाधड़ी को अंजाम दिया। सीबीआइ अधिकारी बनकर साइबर ठग महिला चिकित्सक को इतना भयभीत किया कि उन्होंने अकाउंट से पैसे ट्रांसफर कर दिए।
केस नं. 2- जयसिंह चंदेल, सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी को फर्जी मनी लान्ड्रिंग और अवैध पोर्नोग्राफी के केस में फंसाने का डर दिखाकर ठगों ने 54.30 लाख रुपये की ठगी की। ठगों ने मुंबई पुलिस और ईडी का अधिकारी बनकर फोन और वाट्सएप के जरिए संपर्क किया। उनसे कहा गया कि जांच के लिए उनके खाते की पूरी राशि दूसरे खातों में जमा करनी होगी। डर और भ्रमित होकर उन्होंने 24 जून से 15 जुलाई 2024 तक अलग-अलग तिथियों में 54.30 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर किए। बाद में उन्हें पता चला कि वे साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं।
एक्सपर्ट व्यू
अगर आपको कोई स्कैमर फोन करके सीबीआइ, ईडी या, आरबीआइ, कस्टम या फिर अन्य केंद्रीय एजेंसी का अधिकारी बन कर डिजिटल अरेस्ट की धमकी दे रहा है तो यह एक आम तकनीक है जिसमें लोगों को डरा धमका कर रुपये निकालने की कोशिश है। ऐसे फ्राड से बचने के लिए शांत रहने व स्थानीय पुलिस थाने में सूचना देने से आप डिजिटल अरेस्ट से बच सकते हैं।
गोपिका बघेल, साइबर फारेंसिक एक्सपर्ट
बचने के करें यह उपाय
वर्जन
ड्रग्स पार्सल, मनी लांड्रिंग या फिर अन्य मामले में अपराध दर्ज होने का फोन आता है, तो उस पर भरोसा न करें। संबंधित फोनकर्ता को भौतिक रूप से आकर दस्तावेज देने को बोले, यही मैसेज, वाट्सएप या मेल के माध्यम से कोई परेशान कर सरकारी एजेंसी की धमकी दे रहा है तो संबंधित थाने में पहुंच कर उसकी जांच करें की फोनकर्ता फर्जी है या फिर वास्तव में किसी विभाग के अधिकारी हैं।रजनेश सिंह, एसपी बिलासपुर