चायनीज लाइट नहीं बिलासपुर में कुम्हारों के बनाए दीए से जगमग होगी दिवाली
दिवाली में इस साल बाजार के साथ कुम्हारांे को भी अच्छे आया की उम्मीद
By sandeep.yadav
Edited By: sandeep.yadav
Publish Date: Tue, 13 Sep 2022 07:40:00 AM (IST)
Updated Date: Tue, 13 Sep 2022 07:40:51 AM (IST)

बिलासपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। चाइनीज लाइट नहीं बिलासपुर में कुम्हारों के द्वारा बनाए गए मिट्टी के दीए से इस साल भी दिवाली मनेगी। जिसकी तैयारी शुरू हो चुकी है। शहर व आसमाप ग्रामीण अचंल में रहने वाले कुम्हारों के घरों में ग्वालिन के साथ बड़ी मात्रा में मिट्टी के दीए बनाने आर्डर कर रहे हैं। वहीं व्यापारियों को भी बाजार में इस साल अच्छे कारोबार की उम्मीद जगी है।
कुम्हार पारा और करबला में रहने वाले ज्यादातर कुम्हारों का कहना है कि इस साल उनके पास आर्डर अधिक है। रानू भाई का कहना है कि इस साल सिर्फ दीए ही नहीं बल्कि श्री गणेश, लक्ष्मी जी की प्रतिमा के साथ ग्वालिन बनाने दूसरे जगहों से भी आर्डर मिल चुका है। जिस पर काम भी चालू है। वहीं तोरवा निवासी फूलबती बाई का कहना है कि इस साल दिवाली को लेकर अच्छी आय की उम्मीद है। हालांकी रंग और अन्य समान महंगे होने के कारण थोड़ी दिक्कत है।
प्रतिमा के भाव बढ़ने से कई बार ग्राहक कतराते हैं। मिट्टी की चीजों को बनाने में काफी मेहनत लगता है। बता दें कि पिछले साल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर तत्कालीन कलेक्टर डा.सारांश मित्तर ने निगम आयुक्त को निर्देश जारी कर कहा था कि दिवाली के अवसर पर मिट्टी के दीये बनाने वाले कुम्हारों को बाजार उपलब्ध कराने के साथ कोई कर ना ले।
जिसके बाद काफी राहत मिली थी। इस साल भी यदि स्थिति ऐसी रहेगी तो कुम्हारों के परिवार को काफी फायदा होगा। लोग मिट्टी के बने समान अधिक से अधिक खरीद पाएंगे। एक पत्र में कलेक्टर ने यह भी कहा था कि यह व्यवसाय क्षेत्रीय परंपरा से जुड़े होने के साथ ही पर्यावरण के प्रति अनुकूल भी है। दिवाली के अवसर पर कुम्हारों से दीया खरीदने से उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी हो जाएगी। जीविकोपार्जन पार्जन के साथ ही परिवार की आर्थिक दशा सुधर जाएगी।