नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर: शैक्षणिक सत्र को शुरू हुए एक महीना बीत चुका है, लेकिन सरकारी स्कूलों में अब तक छात्रों को पूरी किताबें नहीं मिल पाई हैं। शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा सत्र के प्रारंभ में ही पुस्तकें स्कूल तक पहुंच जाएंगी, यह दावा किया गया था।
पुस्तक नहीं मिलने का नतीजा यह है कि बच्चे अधूरी किताबों से पढ़ने को मजबूर हैं और शिक्षकों को भी पढ़ाई करवाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राजेन्द्र नगर स्थित गजानंद शास्त्री स्कूल में प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में जब नईदुनिया की टीम पढाई की स्थिति जानने पहुंची, तो शिक्षा विभाग के दावों की जमीनी हकीकत सामने आई।
कक्षा छठवीं से आठवीं तक के बच्चों के पास अब भी पूरी किताबें उपलब्ध नहीं हैं। विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित, अंग्रेजी जैसे मुख्य विषयों में किताबें नहीं मिली हैं, जिससे पढ़ाई में बड़ा व्यवधान आ रहा है। बच्चों ने बताया कि जो किताब मिली हैं, उन्ही की पढाई हो रही हैं। अन्य किताबें कब तक उन्हें मिलेंगी और वे पढाई शुरू कर पाएंगे, इसे लेकर वे असमंजस की स्थिति में हैं।
ऐसी ही कुछ स्थिति प्राथमिक शाला व माध्यमिक शाला सिंधी कालोनी की थी। वहां भी बच्चों के पास आधी-अधूरी किताबें ही उपलब्ध हो पाई हैं। शिक्षकों से जब इसका कारण पूछा गया तो पता चला कि डिपो से जो बुक उन्हें उपलब्ध कराई गई हैं, उन्हें वह बांट रहे हैं। स्कैन को लेकर भी परेशानी आ रही है, लेकिन अधिकारियों से इसके लिए मार्गदर्शन लिया जा रहा है।
पुस्तकों को लेकर कक्षा 8वीं के छात्र ने बताया मुझे विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित और अंग्रेजी की किताबें मिली हैं, लेकिन हिंदी और संस्कृत अब तक नहीं आईं। टीचर के कहने पर पुराने बुक्स से पढ़ रहे हैं।
कक्षा 6वीं के छात्र का कहना है कि हमारे पास सिर्फ गणित और संस्कृत की किताबें मिली हैं। बाकी विषय की पढ़ाई बहुत मुश्किल हो रही है। होमवर्क भी नहीं कर पा रहे।
कक्षा 7वीं की छात्रा ने कहा कि अभी तक पूरी किताबें नहीं मिली हैं, इसलिए हम ठीक से पढ़ नहीं पा रहे हैं। कई बार शिक्षक भी खाली समय में कुछ-कुछ समान्य जानकारी देते हैं, लेकिन पुस्तक न होने से हम उसे भी ठीक से समझ नहीं पाते हैं।
जितनी किताबें स्कूलों में पहुंची हैं, उन्हें बांट दिया गया है। पर कई किताबों में बारकोड नहीं होने की वजह से स्कैनिंग नहीं हो पा रही है, जिससे वितरण रोका गया है। शिक्षकों ने यह भी बताया कि कुछ बच्चे अभी भी स्कूल नहीं आए हैं। उन्होंने बताया कि इस विषय पर विभागीय अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा गया है।