Railway News: आठ ट्रेनें रद, साढ़े चार घंटे बाद निर्णय लिया वापस
बिलासपुर से झारसुगुड़ा तक चौथी लाइन बिछाने की योजना है। इसमें अधिकांश सेक्शनों में कार्य पूरा भी हो चुका है। अब धीरे-धीरे स्टेशनों को चौथी लाइन से जोड़ने का काम चल रहा है।
By Manoj Kumar Tiwari
Edited By: Manoj Kumar Tiwari
Publish Date: Thu, 03 Aug 2023 08:47:59 AM (IST)
Updated Date: Thu, 03 Aug 2023 08:47:59 AM (IST)

बिलासपुर। हावड़ा-मुंबई मेन लाइन पर स्थित बिलासपुर–चांपा सेक्शन में चौथी लाइन कनेक्टिविटी व स्टेशन को रिमोडलिंग कार्य के लिए रेलवे ने बुधवार शाम चार बजे के लगभग आठ ट्रेनें रद करने की घोषणा की। रेलवे का यह निर्णय प्रसारित भी हो गया। इसके साढ़े चार घंटे बाद एकाएक इस कार्य को रद करने के आदेश को वापस ले लिया। अब तीन से 15 अगस्त होने वाला नान इंटरलाकिंग कार्य नहीं होगा और ट्रेनें नियमित चलती रहेंगी।
बिलासपुर से झारसुगुड़ा तक चौथी लाइन बिछाने की योजना है। इसमें अधिकांश सेक्शनों में कार्य पूरा भी हो चुका है। अब धीरे-धीरे स्टेशनों को चौथी लाइन से जोड़ने का काम चल रहा है। इसी के तहत सक्ती स्टेशन में चौथी लाइन कलेक्टिविटी और इस स्टेशन में रिमाडलिंग की तैयारी थी।
इसे पूरा करने के लिए रेलवे ने सात से 15 अगस्त बिलासपुर से चलने वाली 08738 बिलासपुर–रायगढ़ मेमू पैसेंजर स्पेशल, रायगढ़ से चलने वाली 08737 रायगढ़-बिलासपुर मेमू पैसेंजर स्पेशल, छह से 15 अगस्त तक बिलासपुर से चलने वाली 08736 बिलासपुर–रायगढ़ मेमू पैसेंजर स्पेशल और सात से 16 अगस्त तक रायगढ़ से चलने वाली 08735 रायगढ़-बिलासपुर मेमू पैसेंजर स्पेशल रद कर दी थी।
वहीं छह से 14 अगस्त तक टाटानगर से चलने वाली 18113 टाटानगर-बिलासपुर एक्सप्रेस और सात से 15 अगस्त तक बिलासपुर से चलने वाली 18114 बिलासपुर-टाटानगर एक्सप्रेस को भी नहीं चलाने का निर्णय लिया था। इतना ही नहीं सात से 15 अगस्त तक गोंदिया एवं झारसुगुड़ा से चलने वाली 08861/08862 गोंदिया-झारसुगुड़ा मेमू पैसेंजर स्पेशल को बिलासपुर व झारसुगुड़ा के मध्य रद करने की घोषणा भी कर दी गई थी।
जैसे ही आदेश जारी हुआ इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित भी हो गया। इस पर यात्रियों की नाराजगी भी आने लगी थी। लेकिन, इसी बीच अचानक क्या हुआ कि कार्य को स्थगित कर दिया गया। इसके अलावा यह घोषणा की गई कि ट्रेनें पहले की तरह चलती रहेंगी। हालांकि चाढ़े चार घंटे बाद ही निर्णय वापस लेने की वजह तो रेल प्रशासन ने स्पष्ट नहीं की है।