बिलासपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। अलग-अलग स्टेशनों में खड़ी खाली ट्रेनें मुसीबत बनी हुई हैं। परेशानी इसलिए क्योंकि हर 10 से 15 दिन में मरम्मत करने की आवश्यकता पड़ रही है। बिना चले ट्रेनों की मरम्मत एक तरह मुसीबत है। लेकिन, ऐसा नहीं करेंगे तो भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। दरअसल खड़ी ट्रेनों की बेरिंग, बैटरी व अल्टरनेटर समेत कई ऐसे उपकरण हैं, जिन्हें मरम्मत की आवश्यकता पड़ती है। नहीं तो ये खराब हो जाएंगे।
ट्रेनों का परिचालन 22 मार्च के बाद से बंद है। केवल चार ट्रेनें दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन से चल रही हैं। इसमें राजधानी एक्सप्रेस, जनशताब्दी एक्सप्रेस, हावड़ा-मुंबई मेल और हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस शामिल हैं। बिलासपुर रेल मंडल की तो एक भी ट्रेनें नहीं चल रही हैं। इसके चलते लगभग 30 ट्रेनों की रैक अलग-अलग स्टेशनों में खड़ी की गई हैं। अब इनका परिचालन होना मुश्किल है। लेकिन, बिना चले केवल खड़ी रखना भी रेलवे के लिए परेशानी है। यही वजह है कि हर दिन चार से पांच ट्रेनों को बिलासपुर कोचिंग डिपो में लाया जाता है। जो ट्रेन पहुंचती हैं उसके स्थान पर डिपो से निकलने वाली खाली ट्रेनों को खड़ी की जाती है। यह व्यवस्था ट्रेनों के पहिए थमने के बाद से है। दरअसल बेरिंग, बैटरी और अल्टरनेटर ऐसे उपकरण हैं। जो खड़ी हो जाए तो खराब हो जाते हैं। इससे लाखों का नुकसान हो सकता है। इसके अलावा और भी उपकरण हैं जिसकी नियमित जांच जरूरी है। डिपो पहुंचने के बाद इलेक्ट्रिक, मैकेनिकल व रोलिंग विभाग के कर्मचारी अपने-अपने हिस्से का काम करते हैं। यही वजह है कि यार्ड में खड़ी ट्रेनें फिट हैं।
एक वजह यह भी
ट्रेनें फिट रखने के पीछे एक वजह यह भी है रेलवे बोर्ड से कभी भी परिचालन को लेकर आदेश जारी हो सकता है। इस परिस्थिति में ट्रेनें तैयार रहेंगी तो परिचालन शुरू करने में आसानी होगी। वैसे भी अब ट्रेनों के चलने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। कटनी रूट पर ट्रेनें चलाने के लिए तो जोन ने रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भी भेज दिया है।
इन स्टेशनों में खड़ी हैं ट्रेनें
बिलासपुर, कोरबा, बाराद्वार, कलमीटार, उसलापुर, गतौरा, पेंड्रारोड, वेंकटनगर और हर्री।
खाली ट्रेनें यार्ड में खड़ी जरूर हैं। लेकिन मरम्मत बेहद आवश्यक है। इसके बिना उपकरणों में तकनीकी खराबी आ सकती है। कोचिंग डिपो पहुंचने के बाद सभी विभाग के कर्मचारी अपने-अपने कार्यों को पूरा करते हैं।
संतोष कुमार
सीनियर पीआरओ, दपूमरे जोन बिलासपुर