बिलासपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंजीनियर हूं, असफलता से मेरी सफलता की यात्रा प्रारंभ होती है। मेरे लिए कुछ भी असंभव नहीं। मैं हर दिन हर क्षण एक महान आइडिया की खोज में रहता हूं। समाज को कुछ नया दे सकूं इसी विश्वास के साथ हर पल काम करता हूं। इसी ध्येय वाक्य के साथ हमारे तीन इंजीनियर देश-दुनिया में बिलासपुर का नाम रोशन कर रहे हैं।
नगर निगम, जल संसाधन विभाग और एक स्टार्ट अप के रूप में अपनी नई कहानी लिख रहे हैं। इंजीनियर डे के खास अवसर पर नगर निगम के मुख्य अभियंता सुधीर गुप्ता, जल संसाधन विभाग के सेवानिवृत्त कार्यपालन अभियंता रामफल साव और शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय कोनी के पूर्व छात्र जय सिंह ने अपनी सफलता के साथ अनुभव साझा किया है। इनका मानना है कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में व्यापक बदलाव आ चुका है। तकनीक के सहारे अब युवा पीढ़ी नई गाथा लिख रहे हैं। समाज में इंजीनियरिंग अब नौकरी तक सीमित नहीं है, स्टार्ट अप के जरिए बड़ा बदलाव ला रहे हैं। नए भारत की परिकल्पना को पूरा करने तन-मन से साकार कर रहे हैं।
मेरा बिलासपुर बदल रहा
मेरा बिलासपुर अब बदल रहा हैं। मैं वर्ष 1983 से नगर निगम में इंजीनियर के रूप में सेवा दे रहा हूं। मैंने इस श्ाहर को इंजीनियरिंग के बदौलत बदलते देख रहा हूं। पुराना बस स्टैंड में राजीव प्लाजा शापिंग काम्प्लेक्स का निर्माण हो या फिर साइंस कालेज मैदान में सुविधा, रिवर व्यू को संवारने से लेकर लोगों को यहां खुश होते देखना मन को सुकून देता है। आखिर मैंने अपने हाथों से इन्हें नया रूप जो दिया।
सुधीर गुप्ता, मुख्य अभियंता
नगर निगम बिलासपुर
इंजीनियरिंग में पर्यावरण
मैंने अपनी जिंदगी के 40 साल इंजीनियर के रूप में गुजारे। बिलासपुर के बाद जब मैं जल संसाधन विभाग के हसदेव नहर जल प्रबंधन संभाग जांजगीर में सेवा देने पहुंचा तब मेरी नजर में एक ही लक्ष्य था। पर्यावरण की रक्षा और किसानों का हित। लीलागर नदी पर सीपत, कोरबा व जांजगीर बार्डर पर ऐसी नहरों को बनाया जिसे किसान आज भी इंजीनियरिंग का लोहा मानते हैं। पुरानी नहरों को जीवित करने की जरूरत है।
रामफल साव,सेवानिवृत्त कार्यपालन अभियंता
जल संसाधन विभाग
युवा निकालें आइडिया
जीईसी कोनी बिलासपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद मेरे सामने नौकरी को लेकर जबरदस्त चुनौती थी। इंजीनियरिंग का छात्र था, हार कैसे मान लेता। हर दिन दिमाग में एक नया आइडिया सोचता। एक दिन यह सच हुआ। मैंने फिजिक इंजीनियर चैनल बनाकर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया। मुंबई के साथ अब विश्व के 21 देशों से पांच लाख से अधिक लोग जुड़ चुके हैं।
जय सिंह, इंजीनियरिंग स्टूडेंट
स्टार्ट अप, फिजिक इंजीनियर