नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर: ATR Chhattisgarh: एटीआर में पर्यटकों के ठहरने के लिए काफी बड़ा रिसार्ट है, जहां 20 कमरे हैं। चारों तरफ हरियाली के साथ स्वीमिंग पूल व बच्चों के मनोरंजन के लिए कई चीजें हैं। प्रबंधन का मानना है कि जब पर्यटक बुकिंग कराकर यहां ठहरे तो जंगल भ्रमण के साथ रिसार्ट का भी भरपूर लुत्फ उठा सके। इस रिसार्ट का और आकर्षित बनाने की पहल की गई है। रिसार्ट चारों तरफ पक्की बाउंड्रीवाल से घिरा हुआ है। इस बाउंड्रीवाल को पहले भी वन्य प्राणियों की पेंटिंग से सजाई गई थी।
हालांकि काफी समय से पेंटिंग बनी होने के कारण चमक खत्म हो गई थी। कुछ पेंटिंग मिट भी गई थी। अब दोबारा इसे आकर्षक ढंग से सजाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए जगदलपुर से खास तौर पर कलाकारों को बुलाया गया। यह कलाकार गोंड आर्ट से वन्य प्राणियों की पेंटिंग बना रहे हैं। वन्य प्राणियों के साथ जंगल और यहां बसे गांव के ग्रामीणों को इतनी खूबसूरत ढंग से दर्शाया गया है कि पेंटिंग देखकर लोग खुश हो जा रहे हैं।
एक नवंबर को जब यह खुलेगा एटीआर
हालांकि अभी पर्यटकों के लिए एटीआर बंद है। लेकिन, एक नवंबर को जब यह खुलेगा और पर्यटकों की मौजूदगी शुरू होगी तो उन्हें यह चित्रकारी सुकून देगी। उन्हें एहसास कराएगी कि गोंड आर्ट कैसी होती है। वैसे भी प्रबंधन ने पिछले दिनों परंपरागत गोदना और गोंड चित्रकला के प्रचार के लिए उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया थाा।
अचानकमार टाइगर रिज़र्व के शिवतराई इंटरप्रिटेशन सेंटर में वन्यजीव संरक्षण सप्ताह के अवसर पर आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य संरक्षण के महत्व को समझाना और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में समुदाय की भागीदारी को बढ़ावा देना था। गोंड आर्ट से बाउंड्रीवाल व कमरों के दीवारों की साज- सज्जा इसी के तहत कराया जा रहा है।