नईदुनिया प्रतिनिधि बिलासपुर। आंकड़ों पर बात की जाए तो एक जुलाई से 10 अक्टूबर के बीच ट्रेनों में सफर कर रहे यात्रियों के 14 मोबाइल चोरी हो गए। मोबाइल चोरी की बढ़ती घटना ने लोगों को चिंता में डाल रखा है क्योंकि रास्ते में मोबाइल चोरी के बाद उनका सम्पर्क सभी से टूट जाता है। वहीं पीड़ित के साथ ही उनका पूरा परिवार भी परेशान होने लगता है। मामले में जीआरपी अपराध दर्ज कर मामले में जांच का हवाला ही दे रही है।
वह केस जो नहीं सुलझे
केस नं. 1- धनबाद निवासी साकेत विक्रम सिंह (29) नौ सितंबर को ट्रेन नंबर 12860 गीतांजलि एक्सप्रेस के कोच नंबा बी 4 बर्थ नंबर 55 पर रेलवे स्टेशन हावड़ा से नागपुर सफर कर रहे थे। मोबाइल को चार्जिंग पाइंट पर लगाकर सो गए। रात लगभग 2.15 बजे नींद खुली तो देखा उनका मोबाइल चोरी हो चुका था।
केस नं 2-बिल्हा निवासी राममनोहर महरा (35) ने जीआरपी बिलासपुर पहुंचकर मोबाइल चोरी की शिकायत दर्ज कराई है। पीड़ित ने बताया कि 22 जून को बिल्हा से बिलासपुर पहुंचे थे। स्टेशन में टिकट कटाने के दौरान उनका बीपी बढ़ने की वजह से वह वहीं पर लेट गए थे। नींद लगने के बाद जब सोकर उठे तो देखा उनका मोबाइल चोरी हो गया था। पीड़ित ने अपराध दर्ज कराया है।
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अब बॉडी-वार्न कैमरे लगाकर ट्रेन में चलेंगे टीटीई,योजना लागू करने रेल मंडल ने कवायद की तेज
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। वॉकी-टॉकी के साथ बिलासपुर रेल मंडल के टीटीई बाडी-वार्न कैमरा लगाकर ट्रेन में ड्यूटी करते नजर आएंगे। इस योजना पर उच्चाधिकारियों के बीच सहमति भी बन चुकी है। बहुत जल्द कैमरे की खरीदी होगी। यह कैमरा एक छोटा रिकार्डिंग डिवाइस है।
इसका उपयोग आमतौर पर पुलिस या सुरक्षाकर्मी करते हैं। रेलवे में आरपीएफ को कैमरे दिए गए हैं। यह कैमरा उन घटनाओं को रिकार्ड करता है, जिसका सामना अधिकारी या कर्मचारी अपनी ड्यूटी के दौरान करते हैं। टीटीई रेलवे के फ्रंट स्टाफ कहलाते हैं। उनके लिए भी यह बेहद आवश्यक है। उन पर हमेशा यात्रियों से अधिक वसूली, हुज्जतबाजी आदि आरोप लगते हैं।
इस आरोप की वजह से कई बार टीटीई निर्दोष होते हुए भी कार्रवाई की जद में आज जाते हैं। ऐसा कई बार हो चुका है। रेल मंडल का मानना है कि बॉडी-वार्न कैमरा लगाकर जब टीटीई ट्रेन में चलेंगे तो पहले इसे स्टार्ट करना होगा। इसके बाद वहां जहां-जहां जाएंगे, सामने की गतिविधियां कैमरे में कैद होती जाएंगी।
यह रिकार्ड होगा, जिसके सहारे वह लगने वाले आरोपों से बच सकते हैं। इसके साथ ही उनकी सुरक्षा के लिए भी यह जरूरी है। वॉकी-टाकी व बाडी वार्न कैमरे से टीटीई पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। इसके अलावा उनका लुक भी अलग नजर आएगा।
इन उपकरणों से लैस टीटीई से यात्री बेवजह उलझने का कतई प्रयास नहीं करेंगे।बाक्स- 150 वॉकी-टॉकी दिए गए बिलासपुर रेल मंडल में ट्रेन में ड्यूटी करने वाले 200 टीटीई वॉकी-टॉकी से लैस करने की योजना है। इसके तहत 150 वॉकी-टॉकी दिए जा चुके हैं। टीटीई अब वॉकी-टॉकी लेकर ड्यूटी कर रहे हैं। इस उपकरण की मदद तब मिलती है, जब ट्रेन ऐसी जगह पर रहती है, जहां नेटवर्क नहीं रहता।
नेटवर्क विहिन सेक्शनों में भी टीटीई एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं। इस व्यवस्था से वह खुश हैं। वॉकी-टाकी योजना की सफलता के बाद अब रेल मंडल बॉडी- वार्न कैमरे देने की तैयारी कर रहा है। बहुत जल्द यह व्यवस्था लागू हो जाएगी।
वर्जन
वॉकी-टॉकी के बाद अब बिलासपुर रेल मंडल के टीटीई बाडी- वर्न कैमरे से लैस होंगे। कैमरे खरीदी से लेकर अन्य तैयारियां प्रारंभ कर दी गई है।
अनुराग कुमार सिंह, सीनियर डीसीएम बिलासपुर रेल मंडल