धीरेंद्र सिन्हा।(बिलासपुर)। Innovations in Bilaspur: अब आक्सीजन व रसोई गैस सिलिंडर लीक या ब्लास्ट का पहले ही पता चल जाएगा। इससे अस्पतालों व घरों में होने वाली बड़ी दुर्घटनाओं को टाला जा सकेगा। इसके लिए बिलासपुर के दो शिक्षकों ने शोध के बाद सेंसरयुक्त आटोमेटिक सीम वेल्डिंग मशीन तैयार की है।
भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने इस रिसर्च माडल को पेटेंट की मुहर भी लगा दी है। शासकीय ई. राघवेंद्रराव विज्ञान महाविद्यालय में सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के सहायक प्राध्यापक तरुणधर दीवान और कलिंगा इंस्टिट्यूट आफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलाजी, भुवनेश्वर (ओडिशा) में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्राध्यापक डा. अनीश पांडेय ने इसे तैयार किया है।
यह मशीन सेंसर के जरिए किसी भी प्रकार के सिलिंडर में आक्सीजन व गैस लीक या ब्लास्ट के खतरे का पहले ही पता लगा सकती है। ऐसा होने पर बीप की आवाज के साथ अलर्ट कर देती है। डा. अनीश के मुताबिक यह पूरी तरह से आटोमेटिक है। सिलिंडर में सबसे अधिक दबाव नोब पर होता है। खतरा भी यहीं अधिक रहता है। इसलिए मशीन को नोब पर सेट किया जाता है। दबाव बढ़ने पर सेंसर बीप के जरिए सतर्क कर देता है। इसकी मदद से घर, अस्पताल, ट्रेन, होटल आदि स्थानों में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार को सौंपा रिसर्च माडल
भारत सरकार के कंट्रोलर जनरल आफ पेटेंट्स, डिजाइन एंड ट्रेडमार्क, डिपार्टमेंट आफ इंडस्ट्रियल पालिसी एंड प्रमोशन, मिनिस्ट्री आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने इस रिसर्च माडल को पेटेंट कर दिया है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसे वाणिज्य मंत्रालय को सौंप दिया गया है।
मशीन तैयार करने में इनका उपयोग
इस मशीन को तैयार करने में मशीन लर्निंग, इमेज प्रोसेसिंग लाइट सोर्स, आरजीबी कैमरा, इंफ्रारेड सेंसर, माइक्रोकंट्रोलर, स्टेपर मोटर, मशीन बाडी फ्रेम, एलपीजी सिलिंडर, मशीन बाडी, फ्रेम स्लाइडर और वेल्डिंग मशीन का उपयोग किया गया है। इस शोध को पूरा करने में दो साल से अधिक का समय लगा। शोधार्थी के रूप डा. रूबी मिश्रा, डा. अश्विनी कुमार व सुरजीत सिंह का भी सहयोग रहा।