बिलासपुर। Atal University Bilaspur UGC News: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की चार सदस्यीय टीम ने अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को निरीक्षण पूरा किया। अंतिम दिन टीम के सदस्यों ने दस्तावेजों के परीक्षण के बाद रिपोर्ट तैयार कर बंद लिफाफे में आयोग को भेज दी। विश्वविद्यालय परिवार की ओर से टीम को विदाई दी गई। टीम के सदस्य चेयरपर्सन के रूप में डा. बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अनु सिंह लाठेर ने जाते वक्त कहा कि विश्वविद्यालय में आगे बढ़ने की पूरी क्षमता है। छत्तीसगढ़ में आने पर अपनेपन का अहसास हुआ। छत्तीगढ़िया सबले बढ़िया को दिल से महसूस किया।
आयोग के सदस्यों ने बारी-बारी से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए साफ कहा कि अटल विवि उच्च शिक्षा में नया अध्याय लिखेगा। अधिकारी, कर्मचारी से लेकर यहां के विद्यार्थी और लोग बड़े अनुशासित हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी मेहमानों के लिए प्रेम देखते ही बनता है। टीम में प्रो. लठेर के अलावा केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू के कंप्यूटर साइंस एंड इंफार्मेशन टेक्नोलाजी विभाग के प्रो. देवानंद, मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम के पूर्व डायरेक्टर डा. पुष्पेंद्र प्रताप सिंह समन्वयक के रूप में यूजीसी के सदस्य अशोक कुमार गर्ग शामिल थे।
कुलपति आचार्य प्रो.अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने निरीक्षण पूरा होने और टीम के लौटने के बाद 12 जुलाई को विश्वविद्यालय में अवकाश की घोषणा भी की। कहा कि यह हम सभी के लिए एक परीक्षा के समान है। इसमें सभी ने कड़ी मेहनत और निष्ठा से कार्य पूर्ण किया है। आयोग अब 12 बी की मान्यता को लेकर निर्णय लेगा।
गौरतलब है कि यूजीसी एक्ट 1956 की धारा 2 एफ के अंतर्गत देशभर के किसी भी महाविद्यालय और विश्वविद्यालय को मान्यता दी जाती है और उसका रजिस्ट्रेशन होता है। वहीं, धारा 12 बी में रजिस्टर्ड संस्था को केंद्रीय अनुदान की पात्रता हो जाती है। यानी वह यूजीसी या किसी भी केंद्रीय विभाग से अनुदान के लिए पात्र हो जाता है। रिसर्च प्रोजेक्ट के काम में अड़चन नहीं आती।