बिलासपुर। Jan Chaupal in Bilaspur: पौने दो साल बाद मंगलवार को कलेक्टर परिसर की रौनक लौटी। खाली-खाली परिसर आज ग्रामीणों से भरा रहा। हाथ में अर्जी लिए ग्रामीण मंथन सभाकक्ष के बाहर कतार लगाकर खड़े नजर आए। सभाकक्ष के भीतर पहले दिन कलेक्टर डा. सारांश मित्तर खुद ग्रामीणों की समस्याओं से रू-ब-रू हुए। फरियादियों की समस्याओं का विभागवार निराकरण भी कराते रहे। विभाग प्रमुखों को ग्रामीणों का आवेदन सौंपते हुए हिदायत भी देते रहे।
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने लोगों की समस्याओं का निराकरण करने और राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जनदर्शन कार्यक्रम प्रारंभ किया था। सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रदेशभर के कलेक्टरों को आदेश जारी कर प्रति सोमवार जनदर्शन करने व अपनी समस्या लेकर आने वाले ग्रामीणों की समस्याओं को दूर करने का निर्देश दिया था। सप्ताह के पहले दिन सोमवार को जनदर्शन का कार्यक्रम होता था।
मंथन सभाकक्ष में कलेक्टर विभिन्न् विभागों के अधिकारियों के साथ बैठते थे व ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण भी करते थे। राज्य में सत्ता बदलने के बाद कोरोना का संक्रमण भी बढ़ा। एतिहात के तौर पर जनदर्शन कार्यक्रम को स्थगित करने का आदेश राज्य सरकार ने जारी किया था। अब जबकि संक्रमण कम होने लगा है। राज्य शासन ने जनदर्शन का नाम बदलकर जन चौपाल के जरिए लोगों की समस्याओं का निराकरण का आदेश दिया है। पूर्ववर्ती सरकार की योजना में दो बड़ा बदलाव कर दिया गया है। नाम के साथ ही दिन भी बदल दिया है। अब प्रत्येक मंगलवार को टीएल की मीटिंग के बाद कलेक्टर जनचौपाल के जरिए समस्याओं का निराकरण करेंगे।
पंजीयन की तिथि बढ़ाने की मांग
बिल्हा व मस्तूरी ब्लाक के किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन की तिथि बढ़ाने की मांग जन चौपाल कार्यक्रम के जरिए कलेक्टर से की है। किसानों का कहना है कि भुइंया सर्वर की तकनीकी गड़बड़ी अब भी ठीक नहीं हुई है। राज्य सरकार ने 10 नवंबर तक पंजीयन की तिथि तय की है। 10 नवंबर को छठ पूजा का सार्वजनिक अवकाश होने के कारण पंजीयन के लिए मंगलवार का दिन ही शेष है। सर्वर में गड़बड़ी अब भी जारी है। किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है। लिहाजा धान खरीदी के पहले तक पंजीयन की सुविधा देने की मांग की है।