Bilaspur News: बिलासपुर। कृषि कानून के खिलाफ किसानों के देशव्यापी आंदोलन के तहत जिले में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। सोमवार को घंटाघर में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी समेत अन्य वामपंथी पार्टी संयुक्त रूप से धरना प्रदर्शन कर विरोध जताएंगे।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सहित सभी वामपंथी पार्टियों ने किसान विरोधी कानूनों और बिजली संशोधन विधेयक के खिलाफ अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी किसान आंदोलन का समर्थन किया है। संगठन ने कहा है कि केंद्र सरकार को संसद में अलोकतांत्रिक ढंग से पारित कराए गए किसान विरोधी कानूनों को तुरंत वापस लेना चाहिए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सी-दो लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने का और किसानों की कर्ज मुक्ति का कानून बनाना चाहिए।
माकपा के सचिव प्रशांत झा ने कहा कि किसान संगठन के आहूत दिल्ली चलो अभियान का समर्थन करते हुए व 14 दिसम्बर को ट्रेड यूनियन के संयुक्त आव्हान पर घंटाघर में होने वाले प्रदर्शन में माकपा भी शामिल होगी। उन्होंने कहा कि पिछले एक पखवाड़े से देश के अन्नादाताओं द्वारा चलाया जा रहा शांतिपूर्ण आंदोलन प्रेरणास्पद है। सरकार ने लाठी-गोलियों और पानी की मारक बौछारों के साथ उनका दमन करने की कोशिश की है। इस आंदोलन में अभी तक छह से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं। सरकार को अब किसानों के सब्र की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।
कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनरत किसानों का ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि ने भी समर्थन दिया है। एटक के प्रदेश महासचिव हरिनाथ सिंह ने कहा कि घंटाघर में धरना देकर कृषि कानून का विरोध जताया जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में सरकारी मंडियां खत्म कर दी जाएंगी और अब किसानों को अपना पैदावार मजबूरन बड़े-बड़े उद्योगपतियों की निजी मंडियों में बेचना पड़ेगा, जहां उन्हें पर्याप्त कीमत नहीं मिलेगी।