Bilaspur News: मोदी- बघेल की महत्वाकांक्षी योजना से धन उगल रहा सेलर का गौठान, आत्मनिर्भर बन रहे ग्रामीण
Bilaspur News: प्रतिदिन दो से तीन क्विंटल नेपियर घास की बिक्री भी कर रहे हैं। इसके लिए प्रति क्विंल 300 स्र्पये कीमत तय की गई
By anil.kurrey
Edited By: anil.kurrey
Publish Date: Sat, 05 Dec 2020 02:16:59 PM (IST)
Updated Date: Sat, 05 Dec 2020 03:49:26 PM (IST)

बिलासपुर। Bilaspur News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार होते देखना है तो सेलर में संचालित गौठान आकर जायजा लेना होगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जीती जागती तस्वीर यहां नजर आती है। गौठान समिति ने पीएम मोदी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजनाओं को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
आत्म निर्भरता की एक मिशाल कायम किया है। स्ववालंन की दिशा में बेहतर काम इस गौठान में हो रहा है। मवेशियों को सुरक्षित रखने के साथ ही हरा घास खिलाया जाता है। दुग्ध उत्पादन से लेकर नेपियर घास की खेती करने में भी समिति ने कमाल कर दिया है। नेपियर घास से गौठान हरा भरा दिखाई दे रहा है। जैविक खाद का उत्पादन भी गौठान में हो रहा है।
आत्म निर्भर भारत योजना और नरवा,गस्र्वा,घुरवा और बाड़ी योजना का मिलाजुला प्रतिबिंब सेलर के गौठान में नजर आता है। मुख्यमंत्री बघेल की महत्वाकांक्षी योजना अब प्रदेश में जोर पकड़ते नजर आ रही है। योजना के पीछे सीएम और योजना बनाने वालों ने जो सपना देखा है उसे धरातल पर उतारने का काम कहीं हो रहा है तो वह सेलर का गौठान है।
ग्राम पंचायत सेलर के सरपंच व समिति में शामिल ग्रामीणों ने गजब का काम किया है। योजनाओं को हकीकत का स्वस्र्प देने की इमानदार कोशिश यहां नजर आती है। गौठान निर्माण के साथ ही समिति के सदस्यों ने सबसे पहले मवेशियों के चारा की व्यवस्था की। सरकारी अनुदान और बजट को लेकर बाट जोहने के बजाय खुद अपनी व्यवस्था की।
गौठान के एक हिस्से में तकरीबन तीन एकड़ में नेपियर घास की खेती करनी शुरू की। शुरूआत में तकलीफ भी उठाई। मेहनत रंग लाने लगी है। गौठान के एक हिस्से में नेपियर की हरियाली छाई हुई है। लहलहाती हरियाली देखकर मन को सुकून मिलता है। मवेशियों चारा की व्यवस्था से शुरू हुआ गौठान आज स्वावलंबी बन गया है।
गौठान में दिनभर रहने वाले मवेशियों को हरा चारा खिला रहे हैं। इसके अलावा प्रतिदिन दो से तीन क्विंटल नेपियर घास की बिक्री भी कर रहे हैं। इसके लिए प्रति क्विंल 300 स्र्पये कीमत तय की गई है। गौठान में इकठ्ठा गोबर से जैविक खाद बना रहे हैं। जैविक खाद की बिक्री भी कर रहे हैं।
जैविक खेती के लिए किसानों को कर रहे प्रेरित
गौठान में जैविक खाद का उत्पादन भी किया जा रहा है। नडेप पद्धति से खाद बनाया जा रहा है। समिति के सदस्य सेलर के अलावा आसपास के किसानों को खेती में रासायनिक खाद के बजाय जैविक खाद का उपयोग करने प्रेरित कर रहे हैं। रासायनिक खाद का कम प्रयोग करने और अधिक से अधिक जैविक खाद उपयोग में लाने अभियान चला रहे हैं।
इन्होंने कहा
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सेलर गौठान के लिए तीन महिला समूहों का चयन किया गया है। वर्तमान में यहां जैविक खाद के अलावा नेपियर घास उगाई जा रही है। आने वाले दिनों में बकरी, बतख और मछली पालन किया जाएगा। साथ ही बाड़ी के माध्यम से सब्जी भी उगाने की योजना है। इसे जल्द मूर्तरूप दिया जाएगा।
डा. आरके सोनवानी
संयुक्त संचालक, पशु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं बिलासपुर
गौठान निर्माण के साथ ही सबसे पहले मवेशियों के चारा की व्यवस्था पर जोर दिया गया। इसी के तहत गौठान के एक हिस्से में नेपियर घास की खेती की जा रही है। मवेशियों के पर्याप्त चारा के बाद प्रतिदिन दो से तीन क्विंटल घास की बिक्री की जा रही है। गोबर से जैविक खाद बनाया जा रहा है। जैविक खेती के लिए किसानों को प्रेरित भी किया जा रहा है।
धनंजय सिंह
सरपंच,ग्राम पंचायत सेलर